राजस्थान में आयुर्वेद को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मेडिसिन पार्क बनाया जाएगा। इसमें शंखपुष्पी और अश्वगंधा जैसे कई पौधे लगाए जाएंगे।
बाड़मेर: एलोपैथी उपचार पद्धति के प्रति लोगों के अधिक बढ़ते रुझान और आयुर्वेद पद्धति के प्रति कम होती रुचि पर प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मेडिसिन पार्क विकसित किए जाएंगे।
इसमें प्रमुख औषधि पौधों के अलावा स्थानीय औषधियों के पौधे लगाए जाएंगे, ताकि इनके महत्व के प्रति लोगों का रुझान बढ़े। लोग आयुर्वेद पद्धति के महत्व को समझकर इससे जुड़ें। आयुर्वेद उपचार पद्धति भारत की प्राचीन पद्धति है। हजारों वर्ष पुरानी इस पद्धति में बेहद सस्ता और कारगर उपचार होने पर पूर्व में लोग इसका अधिक उपयोग करते थे।
लेकिन पिछले कुछ दशकों में एलोपैथिक पद्धति का प्रचलन ज्यादा बढ़ने पर अब अधिकांश लोग इससे उपचार लेते हैं। इसमें तुरंत उपचार होता है, लेकिन महंगा खर्च होने पर लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आयुर्वेद उपचार पद्धति के प्रति लोगों का फिर रुझान बढ़ाने को लेकर सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
आयुर्वेद विभाग प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मेडिसिन पार्क बनााएगा। यह किसी सार्वजनिक जगह या उद्यान में हो सकता है। प्रमुख औषधि पौधे और स्थानीय औषधीय पौधे लगाकर उनकी देखभाल कर विकसित किया जाएगा।
जिला बाड़मेर और बालोतरा में विधानसभा बाड़मेर, चौहटन, शिव, गुड़ामालानी, पचपदरा, सिवाना और गुड़ामालानी शामिल हैं। बाड़मेर मुख्यालय सहित अन्य विधानसभा क्षेत्रों में मेडिसिन उद्यान लगाने को लेकर विभाग ने प्रस्ताव भेजे हैं। इनमें शंखपुष्पी, सहजन, अश्वगंधा, शतावरी, गूगल, ग्वारपाठा आदि प्रमुख औषधि और स्थानीय औषधि पौधे लगाए जाएंगे।
विभाग के निर्देश पर सात विधानसभा क्षेत्र में मेडिसिन उद्यान लगाने को लेकर प्रस्ताव भेजे
हैं। विधानसभा बाड़मेर में बाड़मेर मुख्यालय पर उद्यान लगाया जाएगा। इससे आमजन को औषधीय पौधों के बारे में अधिक जानकारी मिले। लोग आयुर्वेद पद्धति से जुड़ें।
-रमेश धनदे, उपनिदेशक, आयुर्वेद विभाग, बाड़मेर
ये भी पढ़ें