बाड़मेर

Barmer News: बाड़मेर में 4 परिवारों का छलका दर्द, पाकिस्तान में जमीन-मकान बेचा, व्यापार भी छोड़ा, अब कैसे जाएं वहां

बाड़मेर के सीआइडी-सीबी कार्यालय के आगे शॉर्ट ट्रम वीजा पर भारत आए पाक नागरिकों का जमावड़ा लगा रहा।

2 min read
Apr 27, 2025
पत्रिका फोटो

पाकिस्तान से जमीन, मकान बेच और व्यापार छोड़ राजस्थान के बाड़मेर आए चार पाकिस्तानी परिवारों के लिए पहलगाम की घटना ने मुसीबतें बढ़ा दी है। केन्द्र सरकार के आदेश की पालना की गई तो उन्हें वापस पाकिस्तान जाना होगा, जबकि वहां से वे अपना नाता तोड़ कर आए हैं। ऐसे में इन चार परिवारों के 33 सदस्य अब राहत की उम्मीद के साथ सीआइडी सीबी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।

राहत मिलने की संभावना

पाकिस्तान से भारत आए चार ऐसे परिवार हैं, जो अब पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं, लेकिन उनके पास एलटीवी (लॉग ट्रम वीजी) नहीं है। हालांकि वे जब भारत आए थे, तब इंटेलीजेंस को कह चुके हैं कि अब हमें भारत में ही रहना है। ऐसे में अब उन्हें राहत मिलने की संभावना है।

चार परिवार के 33 सदस्यों ने ऑनलाइन एलटीवी के लिए आवेदन कर सीआइडी-सीबी कार्यालय को अवगत करवा दिया है। इन परिवारों के सदस्यों का दर्द इंटेलीजेंस कार्यालय के आगे झलकता हुआ नजर आया। कार्यालय के आगे दिनभर पाक से आए लोगों और यहां के रिश्तदारों की भीड़ रही। सभी एक-दूसरे की मदद के लिए दौड़ते हुए नजर आए।

दिनभर लगा रहा जमावाड़ा

सीआइडी-सीबी कार्यालय के आगे शॉर्ट ट्रम वीजा पर भारत आए पाक नागरिकों का जमावड़ा लगा रहा। इनके चेहरों पर साफ नजर आ रहा था कि वे लोग पाकिस्तान में दर्द झेलकर भारत आए हैं, अब उन्हें वापस नहीं जाना है। इसके लिए दिनभर कागजी कार्यवाही में दौड़ते नजर आए। वहीं इनके लिए भारत में रह रहे रिश्तेदार भी जी-जान से लगे रहे।

यह वीडियो भी देखें

सब कुछ बेचा, अब नहीं जाएंगे पाकिस्तान

चार परिवार के 33 सदस्य पाकिस्तान में जमीन, मकान बेचकर आए हैं और व्यापार भी छोड़ दिया। यह अब एक माह की अवधि में बाड़मेर पहुंच गए और अब रिश्तेदारों के यहां रुके हुए हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। इसके बाद पुलिस ने इन्हें सूचित कर अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान जाने के लिए कहा है। इसके बाद इन परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यह परिवार सीआइडी-सीबी कार्यालय पहुंचे और इन्होंने भारत में रहने की गुहार लगाई है।

Also Read
View All

अगली खबर