Punjabi Tinda: बाड़मेर में अब रसोईयों में स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर पंजाबी टिंडा यानी ‘चप्पन कद्दू’ की मांग बढ़ रही है। पंजाब से आने वाले वाहनों में 15-20 कट्टे टिंडा पहुंच रहे हैं। बाजार में 80 रुपए किलो और मंडी में 50 रुपए किलो बिक रहा है।
Punjabi Tinda: बाडमेर: थार के लोग स्वाद के साथ-साथ सेहत सुधारने के लिए अब अपनी रसोई में नई-नई सब्जियों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसी ही एक सब्जी है पंजाबी टिंडा। इसे थार में चप्पन कद्दू के नाम से जाना जाता है। इसकी मांग अब बढ़ रही है।
जब भी पंजाब से गाड़ी आती है तो उसमें पंद्रह से बीस कट्टे पंजाबी टिंडा होते हैं। पौष्टिक सब्जी होने के कारण यह शरीर के लिए हर तरह से लाभदायक है। बाजार में पंजाबी टिंडा अस्सी रुपए किलो बिक रहा है, जबकि मंडी में यह पचास रुपए किलो मिल रहा है।
पहले इसे बहुत कम खरीदा जाता था, लेकिन जब लोगों को इसके गुण पता चले तो इसकी डिमांड बढ़ने लगी है। अब यह हाथ ठेलों और बाजार में भी देखा जा रहा है। पंजाब में टिंडा के बीज फरवरी-मार्च में बोए जाते हैं और मई में बाजार में मिलनी शुरू हो जाती है। सर्दियां आते-आते यह सब्जी मिलना बंद हो जाती है।
इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में होता है, जो पाचन को दुरुस्त रखता है। कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या कम होती है। कैलोरी बहुत कम होने और पानी की मात्रा अधिक होने से पेट भरा महसूस होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।
कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक होने से दिल के रोगों का खतरा घटता है। विटामिन ए और सी के साथ खनिज मौजूद होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शुगर रोगियों के लिए भी इसे अच्छा माना गया है।
इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण डायबिटीज के मरीज इसे खा सकते हैं। लीवर और किडनी के लिए भी यह लाभदायक है। एंटी ऑक्सीडेंट गुण होने से त्वचा और बालों के लिए भी उपयोगी है।
पंजाब का टिंडा, जिसे चप्पन कद्दू भी कहा जाता है, स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यह कई बीमारियों से राहत देता है। विटामिन ए और सी, पोटेशियम तथा फाइबर से भरपूर होता है। वजन घटाने, पाचन सुधारने और हृदय रोगियों के लिए यह उपयोगी है।
-प्रदीप पगारिया, वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर