Hair Colour Side Effects: क्या आप बार-बार हेयर कलर करते हैं? ज्यादा डाई करने से बाल रूखे, टूटने वाले और कमजोर हो सकते हैं। जानें कितनी बार हेयर कलर करना सही है और सेलिब्रिटीज के हेयरकेयर टिप्स।
Hair Colour Side Effects: हेयर कलर आजकल एक क्विक-फिक्स है लुक बदलने का। कभी डार्क एस्प्रेसो, कभी गोल्डन हाइलाइट्स तो कभी पेस्टल पिंक। पहली बार कलर कराने के बाद जो फ्रेश लुक आता है, वो किसी ग्लो-अप से कम नहीं लगता। लेकिन सच्चाई ये है कि बार-बार हेयर डाई करना मजेदार तो है, पर इसके नुकसान भी हैं।
बालों में ड्रायनेस – अमोनिया वाले परमानेंट डाई आपके बालों की नेचुरल ऑयल्स खींच लेते हैं। नतीजा: रूखे और फ्रिज़ी बाल।
बाल टूटना – बार-बार कलर करने से बाल कमजोर और पोरोस (छिद्रदार) हो जाते हैं। इससे बाल आसानी से टूटने लगते हैं।
स्कैल्प इरिटेशन – खुजली, जलन या हल्की एलर्जी हो सकती है, खासकर अगर स्कैल्प सेंसिटिव है।
कलर जल्दी फेड होना – बहुत प्रोसेस्ड बाल रंग को अच्छे से पकड़ नहीं पाते। नतीजा: धुलने के बाद कलर जल्दी उतर जाता है।
झड़ते बाल जैसा लुक – डाई से जड़ से बाल नहीं टूटते, लेकिन बीच से टूटने लगते हैं जिससे लगता है जैसे हेयर फॉल हो रहा हो।
करीना कपूर खान – सल्फेट-फ्री शैम्पू, वीकली डीप कंडीशनिंग, हर 6–8 हफ्ते में ट्रिमिंग और सन से बालों की प्रोटेक्शन।
प्रियंका चोपड़ा – कोकोनट ऑयल मसाज महीने में 2 बार और हल्के शैम्पू से बार-बार वॉश।
जेन्डाया – कलर-डिपॉजिटिंग कंडीशनर से घर पर ही शेड रिफ्रेश करती हैं, जिससे बालों को ज्यादा नुकसान नहीं होता।
अगर बाल ज्यादा रूखे हो जाएं, स्प्लिट एंड्स बढ़ने लगें या कलर सही से पकड़ न पाए तो समझिए अब बालों को आराम देने का वक्त है।