Bemetara Blast: छत्तीसगढ़ बेमेतरा ब्लास्ट में 7 मजदूरों के लापता होने की पुष्टि की गई है। वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन में मजदूरों के अलग-अलग हिस्सों में शरीर के टुकड़े मिल रहे है।
Bemetara Blast: छत्तीसगढ़ में बेमेतरा ब्लास्ट में बड़ा अपडेट सामने आया है। प्रशासन ने 7 मजदूरों के लापता होने की पुष्टि की है। बारूद फैक्ट्री में भयंकर धमाके से 20 फीट का गड्ढा बन गया है। (Bemetara Blast) वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन में मजदूरों के अलग-अलग हिस्सों में शरीर के टुकड़े मिल रहे है। रेस्क्यू ऑपरेशन में अब तक मजदूरों की लाश नहीं मिली है। अपनों की तलाश में महिलाएं आक्रोशित होकर धरने पर बैठ गईं है।
बेरला के ग्राम बोरसी में स्थित बारूद फैक्ट्री में चट्टानों को तोड़ने जैसी विस्फोटकें बनाई जाती है। फैक्ट्री में विस्फोटक बनाने के लिए जहरीली गैस अमोनियम नाइट्रेट समेत विस्फोटक जिलेटिन और ट्राईनाइट्रो टोल्वीन तीव्र विस्फोटक के लिए इस्तेमाल किया जाता है। (Bemetara Blast) ऐसे में धमाके में इंसानों ने शरीर के 0.10 सेकंड में चीथड़े उड़ने की संभावना है।
धमाके में 10 - 20 फीट का गड्ढा बन गया है। हादसा इतना भयंकर था की आसपास की बिल्डिंग तक हिल गई। करीब 16 किलोमीटर दूर तक धमाके की आवाज सुनाई दे रही थी। वहीं चारों धुआं ही धुआं था। धमाके के कई घंटे तक घटनास्थल से पिले रंग का धुआं उठा था। (Bemetara Factory Blast) वहीं इमारत के गिरने से मजदूर मलबे में ही दब गए। विस्फोट इतना भयंकर था की आसपास के लोगों का मोबाइल काम नहीं कर रहा था। वहीं परिजनों के लापता होने से महिलाएं रोती-बिलखती रहीं।
धमाके के करीब 4 घंटे बाद फायर ब्रिगेड घटनास्थल पहुंचे। कई घटनों के बाद आग पार काबू पाया गया। वहीं धमाके में चार मंजिला बिल्डिंग के गिरने से मजदूर मलबे में दब गए।(Bemetara Factory Blast) रेस्क्यू ऑपरेशन में मजदूरों के शवों के टुकड़े मिल रहे है। प्रशासन ने टुकड़ों को समेत कर DNA टेस्ट के लिए भेजा है। DNA टेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार शवों के टुकड़ों की पहचान होगी। वहीं सात मजदूरों का नाम अटैंडेंस रजिस्टर में है।
बेमेतरा जिले के बोरसी गांव स्थित बारूद फैक्ट्री में हुए विस्फोट मामले में राज्य सरकार ने दंडाधिकारी जांच के आदेश दे दिए हैं। (Chhattisgarh Blast) दुर्घटना में मृतक परिवार के लिए 5 लाख रुपए और घायलों के लिए 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए यह जानकारी साझा की है।
इसके साथ ही सीएम साय ने लिखा है कि घायलों को समुचित इलाज के लिए रायपुर लाया जा रहा है। मौके पर राहत एवं बचाव कार्य की उच्चस्तरीय निगरानी की जा रही है। (Chhattisgarh Blast) ईश्वर से मृतक की आत्मा की शांति एवं घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
रायपुर में 31 जुलाई 2014 को अभनपुर के उरला में डेटोनेटिंग फ्यूज वायर बनाने वाले नवभारत फ्यूज कंपनी में देर रात 1: 30 बजे धमाका हुआ। हादसे में पांच कर्मचारियों की मौत हो गई। वहीं घटनास्थल से करीब 300 मीटर तक शव के टुकड़ों इधर उधर पड़े हुए थे।
जिन्हें इकट्ठा करने में पुलिस को तीन घंटे से ज्यादा समय लगा। अभनपुर से 4 किमी दूर बड़े उरला गांव में डेढ़ सौ एकड़ भूमि पर वर्ष 1988 से नवभारत फ्यूल्स कंपनी लिमिटेड संचालित है। इस कंपनी का कारोबार भाजपा नेत्री नीना सिंह के पति वीके सिंह व भतीजे विशाल सिंह देखते हैं।
कंपनी लगभग 400 एकड़ में फैली है, जहां बारूद बनाया जाता है। यहां लगभग 400 लोग काम करते हैं। यहां तीन लेबर कांट्रेक्टर काम देख रहे हैं। इसमें एक ठेकेदार 200 और दो ठेकेदार 100-100 मजदूर का काम देख रहे हैं। सुबह 7 बजे 25 मजदूरों की गेट पर एंट्री दिखाई जा रही है। इनकी जानकारी प्रशासन छिपा रहा है और सारे दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है।
बारूद फैक्ट्री में 4 एक्सप्लोसिव लिक्विड भरे टैंक थे। इसमें से एक टैंक ब्लास्ट हो गया। नष्ट हुई टंकी से कई घंटे तक ब्लास्ट हो रहा था जिसे ठंडा करने की कोशिश की जा रही थी। जिस वक्त आग लगी उस वक्त धमाके के पास करीब 9 -10 मजदुर मौजूद थे। धमाका होने से मजदूरों के चीथड़े उड़ गए।
वहीं दूसरी और चाकर मंजिला इमारत के गिरने से 10 से ज्यादा मजदूरों की मौत हो गई। बता दें कि मलबे में दबे मजदूरों की अब तक लाश नहीं मिली है। रेस्क्यू ऑपरेशन में कई मजदूरों के शवों के अलग-अलग हिस्सों में टुकड़े मिल रहे है। इस हाल में शवों के मिलने से इलाके के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है।शवों के टुकड़ों में मिलने से परिजनों में सनसनी फैल गई है।
हादसा इतना भयंकर था कि, फैक्ट्री में एक चार मंजिला इमारत धड़धड़ा कर गिर गई। सूत्रों के मुताबिक़, इमारत के मलबे के नीचे लोग दबे हुए है। (chhattisgarh blast) बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में 8 से 10 लोग मौजूद थे। फैक्ट्री में करीब 500 से 600 लोग काम करने आते है। बारूद फैक्ट्री में आग लगने की आशंका ज्यादा होती है। लेकिन, फिर भी आसपास आग बुझाने की या फायर ब्रिगेड की कोई सुविधा नहीं है। ब्लास्ट से 4 मंजिला इमारत के गिरने से इलाके में हड़कंप मच गया है।