CG Liquor Ban: गांव में सरपंच प्रीति यदु की पहल पर शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया, बेचने और पीने वालों पर जुर्माने का प्रावधान किया गया।
CG Liquor Ban: बेमेतरा जिले में पिछले कुछ दिनों से नशा के खिलाफ गांव-गांव मे बड़े और कड़े निर्णय लिए जा रहे हैं। यहां लोग स्वेच्छा से न सिर्फ शराब बंदी की मुहिम छेड़ रहे हैं बल्कि इसके लिए जुर्माना वसूलने जैसे निर्णय भी ले रहे हैं। ऐसे ही बेमेतरा ब्लाक के ग्राम पंचायत बसनी की सरपंच एवं ग्रामीणों ने सामाजिक समरसता और शांति बनाए रखने के उद्देश्य से गांव में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का सर्वसमति से निर्णय लिया है। ग्राम पंचायत बसनी की सरपंच प्रीति यदु की अध्यक्षता में ग्रामीणों की एक बैठक आयोजित की गई जिसमें सभी उपस्थित सदस्यों ने सर्वसमति से यह निर्णय पारित किया कि अब गांव की सीमा में किसी भी प्रकार की शराब की बिक्री या सेवन नहीं किया जाएगा।
सरपंच प्रीति यदु ने कहा कि युवा वर्ग की सबसे बड़ी समस्या आज नशा बनती जा रही है। शहर से लेकर गांवों तक युवाओं की एक बड़ी आबादी नशे की लत में जकड़ती जा रही है। नशे की जकड़न से मुक्ति समाज के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। विशेषकर गांवों को नशे से बचाना तो और भी बड़ी चुनौती है। क्योंकि गांवों की सांस्कृतिक विरासत खतरे में है।
छत्तीसगढ़ आज जब शराब के साथ ही अन्य सूखे नशे और जुए-सट्टे की चपेट में है। वास्तव में तब ये पंचायतें खहरिया, मल्दा, धोबघट्टी, केशला, मगरघटा, बदनारा आदि गांव किसी मिसाल से कम नहीं। इन पंचायतों ने अपने आत्मबल और सामूहिक निर्णय से बता दिया है कि नशा मुक्त समाज बनाना गांव की पहली जरूरत है। गांवों को आज नशे से आजादी चाहिए। नशे के खिलाफ लड़ाई प्राथमिकता से लड़ी जानी चाहिए। सामूहिक भागीदारी से गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार किया जा सकता है। नशे से मुक्ति के साथ गांवों में विकास को एक नया आकार, आधार दिया जा सकता है।
CG Liquor Ban: ग्रामीणों ने कहा कि युवा सरपंच की यह पहल युवाओं को नशे से दूर रखना और गांव में पारिवारिक वातावरण को सुदृढ़ करने की दिशा में एक मिसाल साबित होगा। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ने गांव को नई राह दिखाई है। नई पीढ़ी के नशे की आदी होने से घर परिवार बर्बाद हो रहा था। वहीं सरपंच के द्वारा सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिलाया जा रहा है।