बेमेतरा

बच्चों को जापानी भाषा सिखाने के साथ बचत के लिए कर रहीं प्रेरित, राज्यपाल करेंगी सम्मानित

Teachers day: आज गांव के स्कूल को बेहतर से बेहतर शिक्षा केंद्र बनाने के लिए काम कर रही है। नए-नए काम करने के लिए उत्साहित शिक्षिका सेन इस बार राज्यपाल पुरस्कार के लिए चयनित हुई है..

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बच्चों को जापानी भाषा सिखाने के साथ बचत के लिए कर रहीं प्रेरित ( Photo - Patrika )

Teachers day: कंडरका मिडिल स्कूल के बच्चे को अंतर्राष्ट्रीय भाषा सिखाने के लिए कदम बढ़ाने वाली शिक्षिका केवरा सेन स्कूली बच्चों को औषधीय गार्डन व बचत करने के लिए प्रेरित कर रही है। ( CG News ) गांव के स्कूल में पढ़कर निकली शिक्षिका आज गांव के स्कूल को बेहतर से बेहतर शिक्षा केंद्र बनाने के लिए काम कर रही है। नए-नए काम करने के लिए उत्साहित शिक्षिका सेन इस बार राज्यपाल पुरस्कार के लिए चयनित हुई है।

Teachers day: बच्चे-बच्चे जानते हैं औषधीय पौधों के बारे में

स्कूल में छोटा-सा औषधीय गार्डन बनाया गया है जिसमें 25 से अधिक औषधीय पौधे लगाए गए हैं, जिनका बच्चे व शिक्षिका मिलकर देखरेख करती हैं। बच्चे गार्डन में लगे सभी पौधों को पहचानते है। साथ ही, पौधों के औषधीय गुणों से अवगत होने के साथ दूसरों को भी अवगत कराते हैं। राज्यपाल पुरस्कार पाने वाले शिक्षक राजेन्द्र झा बताते हैं कि बच्चों को बेहतर बनाने शिक्षिका काम कर रही है। वह आमतौर पर सरकारी स्कूल के प्रति बने नकारात्मक विचार को बदलने के लिए भी प्रयास कर रही है।

2019 से सात शिक्षिकाओं को मिला राज्यपाल पुरस्कार

जिले के 12 शिक्षक बीते 2019 से जारी सत्र तक राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त करने वालों में शुमार हैं, जिनमें 7 शिक्षिका शामिल हैं। जिले में बीते दो सत्र से शिक्षिकाओं ने सम्मान हासिल किया है। वर्ष 2023, 2024 , 2025 के दौरान 5 शिक्षिका को यह पुरस्कार मिला हैै। जिले में अब तक मीना पाटकर, मीनाक्षी शर्मा, ज्योति बनाफर, सुषम शर्र्मा, हिम कल्याणी सिन्हा, केवरा सेन व सुनीता राजपूत शामिल हैं।

पुस्तक के साथ शुरू कराया गल्ला बैंक

पुस्तक बैंक में बच्चे अपने पुराने पुस्तक रख कर जाते हैं। आगामी समय में स्कूल के बच्चे पुस्तकालय के तौर पर इसका उपयोग करते हैं। पर कंडरका स्कूल के बच्चों के लिए शिक्षिका केवरा ने गल्ला बैंक भी प्रारंभ किया है जिसमे बच्चे जेब खर्च के लिए मिलने वाले पैसों को स्कूल के गल्ला में स्वयं रखते है और जब स्कूल छोड़कर जाते है तब गल्ला की रकम निकालते है। इस तरह के प्रयास के चलते स्कूल के 150 से अधिक बच्चे बचत करते आ रहे हैं।

जापानी भाषा का बोलचाल में उपयोग

स्कूल में पढ़ाने के साथ बच्चों को बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करने वाली शिक्षिका स्कूल के बच्चों को जापानी भाषा सिखा रही है। बच्चे स्कूल में जापानी भाषा के कई शब्दों उपयोग सामान्य बोलचाल के दौरान करने लगे हैं। कक्षा 6वीं से लेकर कक्षा 8वीं तक के विद्यार्थियों के लिए शिक्षिका ने जापानी भाषा बोलने व लिखने से संबधित पुस्तक लिखकर तीसरी भाषा के तौर पर उपयेाग करने प्रेरित किया है। पुस्तक की 400 से अधिक प्रति छत्तीसगढ़ व महाराष्ट्र प्रदेश में उपलब्ध कराया गया है।

Updated on:
05 Sept 2025 05:58 pm
Published on:
05 Sept 2025 05:56 pm
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