बेमेतरा

CGPSC Result 2024: गरीबी की चौखट पार कर बेटी ने भरी उड़ान, डिप्टी कलेक्टर बनकर लौटीं, बेटी का स्वागत करने उमड़ा पूरा गांव

CGPSC Result 2024: डिप्टी कलेक्टर बनकर गांव लौटी तो पूरा गांव उत्सव में डूब गया। लोक धुनों पर स्वागत, आतिशबाजियों की रोशनी और खुशियों के आंसुओं ने उस पल को अविस्मरणीय बना दिया, जब सुष्मिता अपने पुराने पैतृक आवास—झोपड़ी के सामने उतरी।

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Nov 24, 2025
माता-पिता के साथ सुष्मिता (Photo Patrika)

CGPSC Result 2024: बेमेतरा जिले के खंडसरा-दाढ़ी मार्ग पर बसे छोटे से गांव हेमाबंद की बेटी सुष्मिता ने संघर्ष भरी राहों पर अपने कदम इतनी मजबूती से जमा दिए कि शनिवार को डिप्टी कलेक्टर बनकर गांव लौटी तो पूरा गांव उत्सव में डूब गया। लोक धुनों पर स्वागत, आतिशबाजियों की रोशनी और खुशियों के आंसुओं ने उस पल को अविस्मरणीय बना दिया, जब सुष्मिता अपने पुराने पैतृक आवास—झोपड़ी के सामने उतरी। गरीबी की उसी चौखट पर खड़ी इस बेटी ने साबित कर दिया कि संकल्प ही सफलता का सबसे बड़ा साधन है।

हेमाबंद में स्वागत करने वालों में रिटायर्ड एसडीओपी सालिक राम घृतलहरे, टीआई ध्रुव कुमार मरकंडे, आगरदास डेहरे,रमेश डेहरेसहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे।

गरीबी ने नहीं, मेहनत ने दी मंजिल

सुष्मिता की यह सफलता उन परिवारों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बीच बड़े सपने देखने का साहस रखते हैं। पिता संजय, बेमेतरा छात्रावास में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं। मां राजिम गृहणी हैं और भाई हिरेंद्र जिम ट्रेनर हैं।गरीबी की पाठशाला में जिस अभाव की किताब पढ़नी पड़ी, उसने ही उन्हें परिश्रम का पारस दिया और उसी ने उनके सपने को सुनहरा बनाया।

गांव में चौथी से शुरू हुई थी यात्रा

हेमाबंद के निजी विद्यालय में मनीराम टंडन के मार्गदर्शन में सुष्मिता ने कक्षा चौथी तक पढ़ाई की। पांचवीं की शिक्षा सरकारी स्कूल में ली, वही पुराना स्कूल जो आज काया-कल्प होकर नया रूप ले चुका है, लेकिन सुष्मिता का गांव का घर आज भी पहले जैसा ही है।आगे की पढ़ाई के लिए वह कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, बेमेतरा चली गईं। उच्च शिक्षा दुर्ग में पूरी की और फिर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में जुट गईं।

Published on:
24 Nov 2025 12:05 pm
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