Collector Action: सरकारी दफ्तर में कर्मचारियों की लेट लतीफी खत्म करने सरकार ने जारी किया था आदेश, इसके बावजूद समय पर दफ्तर नहीं पहुंचे कर्मचारी, कलेक्टर ने किया निरीक्षण...
Collector Action: मध्यप्रदेश के सरकारी दफ्तरों कर्मचारी-अधिकारियों की लेटलतीफी खत्म करने के लिए सरकार ने बीते दिनों एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में बताया गया था कि सरकारी दफ्तरों में कार्य की अवधि सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक है। इस आदेश के बाद बैतूल कलेक्टर ने शुक्रवार को सरकारी दफ्तरों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान दफ्तरों में खाली कुर्सी देख कलेक्टर ने नाराजगी जताई और समय पर दफ्तर न पहुंचने वाले 103 कर्मचारियों के वेतन काटने के निर्देश दिए हैं।
बैतूल कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी शुक्रवार को एक्शन मोड में नजर आए। कलेक्टर सूर्यवंशी ने सुबह 10 बजे दफ्तर पहुंचते ही सबसे पहले एकीकृत कलेक्ट्रेट का निरीक्षण करना शुरू किया तो यहां पर हड़कंप मच गया। एक के बाद एक दफ्तरों में पहुंचे कलेक्टर ने सभी के हाजरी रजिस्टर जब्त करवा लिए। इसके बाद वे जिला पंचायत कार्यालय पहुंच गए। यहां पर भी इक्का-दूक्का कर्मचारी ही मौजूद थे। इस पर भी उन्होंने नाराजगी जताते हुए सभी का एक दिन का वेतन काटने का फरमान जारी कर दिया। कलेक्टर यहां से निकलकर आदिवासी विकास, पेंशन कार्यालय, रजिस्टार कार्यालय पहुंचकर निरीक्षण किया। यहां पर भी अधिकांश कर्मचारी के नदारद मिलने पर उन्होंने जमकर नाराजगी जताई और सबका एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। एक ही दिन में 103 कर्मचारियों का वेतन काटने का यह पहला मौका है।
बताया जाता है कि कलेक्टर सूर्यवंशी ने सुबह 7.30 बजे सभी विभाग प्रमुखों को एक ग्रुप पर मैसेज कर समय पर दफ्तर पहुंचने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद कई अधिकारी ऐसे थे जो अपना वाट्सएप खोलकर मैसेज ही नहीं पढ़ पाए। नतीजा यह हुआ कि नाराज कलेक्टर सूर्यवंशी ने सुबह 10 बजे दफ्तर पहुंचते ही निरीक्षण करने निकल पड़े। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने बताया कि कार्यालीयन समय सुबह 10 से 6 बजे तक है, लेकिन कर्मचारी लगातार देरी से कार्यालय पहुंचते हैं, इसलिए आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि आकस्मिक निरीक्षण लगातार जारी रहेगा।
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