MP Weather: मूसलाधार बारिश ने किसानों की मेहनत चौपट कर दी। खेतों में रखी धान, मक्का और सोयाबीन भीगकर सड़ने लगी हैं, अंकुरण भी शुरू।
heavy rain destroys crops: प्रदेश में मानसून की विदाई (Monsoon Departure) हो चुकी है, लेकिन मौसम में बार-बार बदलाव किसानों के लिए नई मुसीबत बन रहा है। पूर्व मध्य अरब सागर में सक्रिय एक चक्रवाती प्रणाली की वजह से बैतूल जिले समेत आसपास के क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है। शनिवार को भी बैतूल, रानीपुर, भैंसदेही, चिचोली और मुलताई सहित जिले भर में मूसलाधार बारिश हुई, जिसने खरीफ सीजन की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। (mp weather)
बारिश का असर सबसे ज्यादा किसानों पर पड़ा। चिचोली विकासखंड के चुड़िया क्षेत्र के किसान मनोज यादव, बोरी के संतोष यादव और शिवुदीन धुर्वे ने बताया कि खेतों में खड़ी धान, मक्का और सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। कई किसानों ने फसल काटकर सूखने के लिए खेत में रखी थी, जो बारिश में भीगकर सड़ने लगी।
किसानों का कहना है कि अब फसल न बेचने लायक रही और न पशुओं के चारे के लिए। रानीपुर क्षेत्र के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के जुवाड़ी, हीरावाड़ी, कुही, मयावानी, सिताकामथ, छुरी, आमडाना, अनकावाड़ी, मेंहकार, रतनपुर, चारगांव सहित लगभग दो दर्जन गांवों में मक्का, धान और सोयाबीन की फसलें बर्बाद हुई हैं।
बे-मौसम बारिश ने किसानों के लिए एक और कठिन परीक्षा खड़ी कर दी है। सालभर की मेहनत, कर्ज और उम्मीदों से बोई गई फसलें अब खेतों में सड़ रही है। किसान अब प्रशासन से सर्वे कराकर नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे है। आमजन भी बारिश के कारण सड़कें और नाले जलमग्न होने से परेशान है। इस प्रकार, बैतूल और आसपास के क्षेत्रों में किसान और आम जनता दोनों ही बारिश की इस अप्रत्याशित मुसीबत से जूझ रहे हैं, और आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर होने की संभावना है।
किसानों ने बताया कि बारिश इतनी तेज थी कि खेतों में रखी फसल में अंकुरण शुरू हो गया और अनाज में सड़ांध आने लगी। किसान मारुति बघेल, डॉ. भगवानदास सिनोटिया, अरुण वर्मा और निलेश बघेल ने कहा कि धान की फसल पक चुकी थी, लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण वे खेतों में कटाई नहीं कर पा रहे हैं। उन्नत किसान नरेंद्र कुमार महतो, विक्रांत महतो, विशाल महतो और राजेश महतो ने बताया कि थ्रेसिंग के लिए खेतों में रखी मक्का की फसल पूरी तरह भीग गई।
भुट्टे सड़ने लगे और कई जगह अंकुर निकलने लगे। उन्होंने कहा कि खेत में कटाई के बाद सुरक्षित भंडारण न कर पाने के कारण सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया कारण शहर में सड़कें और नाले है। मैंसदेही शहर में भी दोपहर दो बजे से झमाझम बारिश हुई। मुख्य बाजार और साप्ताहिक सब्जी बाजार में पानी भर गया। दुकानदारों ने तुरंत ही अपना सामान समेट लिया। बारिश के जलमग्न हो गए, जिससे आमजन का आवागमन बाधित रहा।
मौसम विभाग ने 26, 27 और 28 अक्टूबर के लिए नर्मदापुरम संभाग के जिलों में हल्की बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अरब सागर में नमी तेजी से बढ़ रही है. जिससे दक्षिणी मध्यप्रदेश में बादल छाए रहेंगे। बारिश का यह दौर 30 अक्टूबर तक रुक-रुक कर जारी रह सकता है।
इसके बाद मौसम साफ होने और तापमान में हल्की गिरावट आने की संभावना है। किसानों को सलाह दी गई है कि खेतों में पड़ी फसलों को यथासंभव सुरक्षित स्थान पर रखें और कटाई के बाद भंडारण में सावधानी बरतें। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मौसम खुला नहीं तो सोयाबीन में दाग और फफूंद लगने की संभावना बढ़ जाएगी।
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