तैयारी: रसोई गैस एजेंसी भी कर सकेंगे मोबाइल की तरह पोर्ट
नई दिल्ली. देश में रसोई गैस सिलेंडर की डिलीवरी में देरी से जल्दी ही निजात मिलने वाली है। सरकार अब ऐसा इंतजाम करने जा रही है जिसमें किसी उपभोक्ता को उसका रसोई गैस वितरक बुकिंग के 24 घंटे में सिलेंडर डिलीवरी नहीं दे पाएगा तो दो नजदीकी दूसरा वितरक सिलेंडर पहुंचाएगा भले ही वह किसी भी कंपनी का ग्राहक हो। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने 24 घंटे में सिलेंडर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए यह नया ढांचा प्रस्तावित किया है। पीएनजीआरबी के अनुसार क्रॉस-पीएसयू सर्विस मैकेनिज्म की इस प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को 24 घंटे में गारंटीशुदा डिलीवरी सुनिश्चित होगी। प्रस्तावित तंत्र के तहत कंपनियां सामूहिक जिम्मेदारी निभाएंगी। शुरुआत में यह योजना कुछ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू होगी, बाद में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। इस योजना पर सुझाव मांगे गए हैं। देश में गैस एजेंसी से उपभोक्ताओं की सबसे ज्यादा शिकायत देरी से सिलेंडर डिलीवरी की है।
समय सीमा 24 घंटे, बदल भी सकेंगे कंपनी
नई योजना के तहत सिलेंडर पहुंचाने का मौजूदा समय 48 घंटे से घटार 24 घंटे किया जाएगा। साथ ही उपभोक्ता सेवा से संतुष्ट नहीं होने पर मोबाइल सिम की तरह गैस आपूर्ति कंपनी भी पोर्ट कर सकेंगे। वैसे प्रस्तावित क्रॉस-पीएसयू सर्विस मैकेनिज्म से तीन अलग-अलग वितरण कंपनियां डिलीवरी के मामले में एकीकृत एलपीजी सेवा की तरह काम करेगी।
33 करोड़ से अधिक उपभोक्ता
17 लाख सालाना शिकायतों में से आधी देर से सिलेंडर मिलने की
88% आपूर्ति इंडेन, बीपी और एचपी के पास
25,566 डिस्ट्रीब्यूटर्स का नेटवर्क