-सरसों की फसल हुई अधिक प्रभावित
पिछले दिनों ओलावृष्टि व तेज हवा के कारण करीब 33 प्रतिशत फसल खराब हुआ है। इसमें सर्वाधिक सरसों को हुआ है। कृषि विभाग ने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी है।
संयुक्त निदेशक आरसी महावर ने बताया कि जिले में इस वर्ष करीब 1.52 लाख हैक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई थी। ओलावृष्टि और तेज हवा के कारण कई क्षेत्रों में सरसों की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। जिन खेतों में सरसों की फसल तैयार थी, वहां ओलों की मार से फलियों में से सरसों के दाने झड़ गए हैं। वहीं, कुछ खेतों में फसल कटकर रखी हुई थी, जिसे भी नुकसान पहुंचा है। इससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। 3,886 हैक्टेयर में 33 प्रतिशत से कम नुकसान हुआ है। 1846 हैक्टेयर में 33 प्रतिशत से अधिक लेकिन 50 प्रतिशत से कम खराबा हुआ है। कुल मिलाकर 5,732 हैक्टेयर में सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है। महावर ने बताया कि भरतपुर जिले में 69,389 हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई की गई थी। हालांकि, अब तक हुई रिपोर्टिंग के अनुसार 5,149 हैक्टेयर में 33 प्रतिशत से कम नुकसान हुआ है। कई इलाकों में फसल गिर गई है, इससे गेहूं के दाने सही से पक नहीं पाएंगे और उत्पादन प्रभावित होगा। ओलावृष्टि के कारण हवा के साथ गेहूं की खड़ी फसल जमीन पर गिर पड़ी है। किसानों को डर है कि इससे उनकी फसल कमजोर हो जाएगी और पैदावार में भारी गिरावट आएगी।
इन गांवों में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
महावर ने बताया कि ओलावृष्टि से जिन गांवों में सबसे ज्यादा फसलें प्रभावित हुई हैं, उनमें पाली, नसवरा, नया गांव, माफी, बुरानिया, मूडिया जाट, हलेना, तिलचिवी, नगला हेतराम, धरसोनी, अजीत नगर, हतीजर, न्यामदपुर जैसे गांव शामिल हैं। इन क्षेत्रों में खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, इससे किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
खेरली गड़ासिया गांव में 70-80 टन तक का नुकसान
खेरली गड़ासिया गांव के किसान गजेन्द्र सिंह और बलवीर सिंह ने बताया कि उनके गांव में कई क्षेत्रों में सरसों की फसल का 70 से 80 टन तक नुकसान हुआ है। वहीं, गेहूं की फसल भी गिर गई है, इससे उसका उत्पादन प्रभावित होगा। बलवीर सिंह ने बताया ने बताया कि हमारे गांव में अब तक कोई सरकारी अधिकारी फसल का जायजा लेने नहीं आया है। सरकार कह रही है कि नुकसान का सर्वे होगा, लेकिन किसान परेशान हैं। कई किसानों ने कर्ज लेकर फसल उगाई थी, अब वे भारी संकट में हैं।
इनका कहना है
-कृषि विभाग ने फसल खराबे की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। जल्द ही सरकार की ओर से प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे और उचित मुआवजा की नियमानुसार प्रक्रिया शुरू होगी।
आरसी महावर, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग