भरतपुर

UPSC RESULT 2024: 23 साल की उम्र में IPS बनने वाले निखिल ने कर दिया कमाल, दूसरी बार पास की UPSC, पढ़ें Success Story

Nikhil Sharma Success Story: अगर जुनून सच्चा हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती। इस कथन को सच कर दिखाया है बयाना के कलसाड़ा गांव के निखिल शर्मा ने।

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Apr 23, 2025

Nikhil Sharma: बयाना। अगर जुनून सच्चा हो, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं होती। इस कथन को सच कर दिखाया है बयाना के कलसाड़ा गांव के निखिल शर्मा ने। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2024 के हाल ही में घोषित परिणाम में निखिल ने 104वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम पूरे देश में रोशन किया है।

सिर्फ 23 वर्ष की उम्र में निखिल पहले ही आईपीएस अधिकारी बन चुके हैं और इस समय हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रहे हैं। पहली बार 2022 में उन्होंने 252वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन उन्होंने यहीं रुकने का नाम नहीं लिया। लक्ष्य बड़ा था और इस बार की शानदार रैंक के चलते अब वे भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) में चयनित हो सकते हैं।

सीमित समय, लेकिन असीम मेहनत

यूपीएससी की तैयारी में जितना जरूरी पढ़ना होता है, उतना ही जरूरी होता है समय का सही प्रबंधन और निखिल इसका बेहतरीन उदाहरण हैं। जब देश के सबसे कड़े प्रशिक्षण कार्यक्रमों में से एक, आईपीएस की ट्रेनिंग चल रही थी, तब भी उन्होंने हर दिन कुछ घंटे निकालकर अध्ययन किया। उन्होंने खुद के हाथ से नोट्स बनाए, नियमित रिविजन किया और अपने मुख्य विषय वनस्पति विज्ञान (बौटनी) पर विशेष फोकस रखा।

साधारण पृष्ठभूमि, असाधारण सपना

निखिल एक सेवानिवृत्त शिक्षक गोपाल शर्मा के पुत्र हैं। उनके बड़े भाई नरेंद्र शर्मा बैंक में पीओ हैं। निखिल ने कोटा से 12वीं और बीएससी बायोलॉजी की पढ़ाई की है। बचपन से उनका सपना था कि वे प्रशासनिक सेवा में जाएं और उन्होंने इसे हकीकत बना कर दिखाया।

संदेश उन युवाओं के लिए जो सपने देख रहे हैं…

निखिल कहते हैं कि अगर आपका लक्ष्य स्पष्ट है, तो कठिनाई कितनी भी हो, रास्ता मिल ही जाता है। मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है। उनकी यह सफलता हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो किसी छोटे शहर या गांव से हैं। सीमित संसाधन हैं, लेकिन सपना बड़ा है। निखिल ने साबित किया कि ट्रेनिंग, नौकरी या अन्य जिमेदारियां भी संघ लोक सेवा आयोग जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी में रुकावट नहीं, बल्कि चुनौती को स्वीकार करने का हौसला बढ़ा सकती हैं।

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