Ration card: हितग्राहियों को अब जनपद और नगरीय निकाय के अधिकारी तलाशकर ई-केवाईसी कराएंगे। सूत्रों के मुताबिक अब तय समय में ई-केवाईसी नहीं हो पाया तो..
Ration card: वन नेशन-वन राशन कार्ड के तहत सस्ते राशन की पात्रता प्रमाणित करने हितग्राहियों का ई-केवाईसी कराया जाना अनिवार्य है। पिछले साल 1 जून से चल रहे अभियान में जिले के अब तक 2 लाख 55 हजार से ज्यादा हितग्राही ई-केवाईसी कराने नहीं आएं हैं। ऐसे हितग्राहियों को अब जनपद और नगरीय निकाय के अधिकारी तलाशकर ई-केवाईसी कराएंगे। सूत्रों के मुताबिक अब तय समय में ई-केवाईसी नहीं हो पाया तो आवंटन होल्ड किया जा सकता है।
जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत इस समय 4 लाख 86 हजार 93 राशन कार्ड चल रहे हैं। इनमें 17 लाख 17 हजार 610 हितग्राहियों के नाम दर्ज हैं। वन नेशन-वन राशन कार्ड के प्रावधानों के तहत अब इन हितग्राहियों के आधार नंबर और फिंगर प्रिंट के आधार पर ई-पॉस मशीन से ई-केवाईसी कराया जाना है। जिले में राशन दुकानों में दुकान संचालकों के माध्यम से यह कार्य कराया जा रहा है।
इन तमाम स्थितियों के बाद भी अब तक ई-केवाईसी के मामले में जिले की स्थिति पूरे प्रदेश में सबसे बेहतर है। जिले में हर दिन करीब 1 हजार लोगों के ई-केवाईसी किए जा रहे हैं। जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में रायपुर के इसके करीब है। कई जिलों में प्रतिदिन का आंकड़ा बेहद कम है। टोटल ई-केवाईसी के मामले में भी जिले की स्थिति प्रदेश में सबसे बेहतर है।
पूर्व में हितग्राहियों की पात्रता प्रमाणित करने टैब के माध्यम से आधार सीडिंग कराया गया था। इस दौरान आधार नंबर के साथ आधार पंजीयन भी स्वीकार किया गया था। इन नंबरों का तात्कालिक सत्यापन नहीं कराया जा सका था। इसके चलते बड़ी संया में लोगों ने आधार की गलत जानकारी जमा करा दिया था। नई व्यवस्था में बिना आधार सत्यापन राशन वितरण नहीं हो पाएगा। इन कारणों को ध्यान में रखते हुए अब सत्यापन कराया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने हर हाल में सभी हितग्राहियों के ई-केवाईसी कराने के निर्देश दिए हैं। निर्देश के साथ ही इसकी केंद्र स्तर पर लगातार समीक्षा की जा रही है। दूसरी ओर हितग्राही बार-बार मियाद बढ़ाए जाने के बाद भी ई-केवाईसी कराने नहीं आ रहे हैं।
खाद्य नियंत्रक टीएस अत्री ने कहा कि राशनकार्ड में दर्ज सभी सदस्यों का ईकेवाईसी कराया जाना है। कलेक्टर ने संबंधित जनपद और नगरीय निकाय के अधिकारियों को ऐसे लोगों की पहचान कर ईकेवाईसी कराने के निर्देश दिए हैं। संबंधितों को फरवरी तक ईकेवाईसी कराना होगा।