PM Yasasvi Scholarship Scheme: विद्यार्थियों को इसके लिए प्रधानमंत्री यशस्वी छात्रवृत्ति योजना के आवेदन करने होंगे। आवेदन ऑनलाइन होंगे, जिसकी शुरुआत जून-जुलाई में होगी। इस स्कॉलरशिप के लिए मेरिट के आधार पर चयन किया जा सकता है।
PM Yasasvi Scholarship Scheme: कक्षा 8वीं के परिणाम घोषित हो चुके हैं। वहीं बोर्ड ने कक्षा 10वीं के नतीजे भी जारी कर दिए हैं। ऐसे में कक्षा 9वीं और 11वीं में पहुंचने वाले ऐसे बच्चे जिन्होंने अच्छे अंक हासिल किए हैं, लेकिन आगे की पढ़ाई रुपए की तंगी के चलते प्रभावित हो सकती है, उनके लिए खुशखबर है।
दुर्ग जिले की स्कूलों के ऐसे बच्चे जो पढ़ने में तेज हैं, लेकिन फीस चुकाने में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। ऐसे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए केंद्र सरकार इन्हें सवा लाख रुपए सालाना की मदद करेगी। ताकि वे पढ़ाई जारी रख सकें।
विद्यार्थियों को इसके लिए प्रधानमंत्री यशस्वी छात्रवृत्ति योजना के आवेदन करने होंगे। आवेदन ऑनलाइन होंगे, जिसकी शुरुआत जून-जुलाई में होगी। इस स्कॉलरशिप के लिए मेरिट के आधार पर चयन किया जा सकता है। चयनित होने पर 9वीं के छात्र को 75 हजार और कक्षा 11वीं के विद्यार्थी को सवा लाख रुपए की सालाना मदद मिलेगी। रकम सीधे उनके बैंक खाते में आएगी। इस राशि से बच्चे अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सकेंगे। उन्हें आर्थिक समस्या के कारण बीच में ही पढ़ाई से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) और गैर-अधिसूचित उम्मीदवार। घुमंतू और अर्ध घुमंतू अनुसूचित जनजातियां (डीएनटी,एसएनटी) श्रेणियां, (जिनके माता-पिता की अभिभावक की वार्षिक आय सभी स्रोत मिलाकर 2.5 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए। चयनित विद्यालयों में कक्षा 9वी और कक्षा 11वी में पढ़ रहे हैं। ग्रामीण और शहरी दोनेां ही स्कूलों बच्चे इसमें शामिल हो सकते हैं। शासकीय और निजी स्कूल का बंधन नहीं है।
आधार कार्ड, ईमेल आईडी, फोन नंबर
8वीं उत्तीर्ण प्रमाण पत्र
10वीं पास सर्टिफिकेट
वर्तमान पासपोर्ट फोटो
उम्मीदवार का हस्ताक्षर
आय प्रमाण पत्र (सक्षम अधिकारी)
जाति प्रमाण पत्र (सक्षम अधिकारी)
जिले के ऐसे मेधावी बच्चे जो पढ़ने में तेज हैं, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। ऐसे में यह योजना उनके लिए बेहद लाभकारी है। चयन परीक्षा में चयनित होने पर उन्हें सालाना सवा लाख रुपए मिलते रहेंगे। जिससे वे बिना आर्थिक तंगी के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। - पवन कुमार सिंह, जिला प्रतियोगी परीक्षा प्रभारी