भिलाई

CG Crime: जेल से छूटने के बाद फिर गोरखधंधा, 17 हजार नशीली टैबलेट समेत आरोपी गिरफ्तार

CG Crime: ऑनलाइन व्यापार करने वाली कंपनी का डेटा चोरी करता है। फिर उसमें कूटरचना कर अपने नाम की फर्जी फर्म तैयार कर लेता है।

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Sep 18, 2025
नशीली टैबलेट समेत आरोपी गिरफ्तार (Photo Patrika)

CG Crime: जेल से छूटने के बाद फिर नशीली दवाओं का गोरखधंधा शुरू करने वाले आरोपी वैभव खंडेलवाल को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जब पुलिस ने उसके किराए के मकान में छापेमारी की तो अंदर का नजारा देख भौचक रह गई। पुलिस ने मकान से17 हजार 208 टेबलेट और 12 सिरप जब्त कर नशीली दवाओं का भंडाफोड़ किया है।

एएसपी अभिषेक झा ने पत्रवार्ता में मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि आरोपी वैभव खंडेलवाल इंजीनियरिंग की है और खुद सूखा नशे में लिप्त है। पूर्व में मोहन नगर थाना क्षेत्र में नशीली दवाओं के साथ पकड़ा गया था। जेल से छूटने के बाद फिर उसी धंधे में लग गया।

एसएसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर दुर्ग सीएसपी हर्षित मेहर और क्राइम ब्रांच की टीम ने बोरसी बंशी बिहार में रेड किया। जहां वैभव किराए का मकान लेकर नशीली दवाओं का गोरखधंधा कर रहा था। पदमनाभपुर टीआई राजकुमार लहरे ने आरोपी वैभव खंडेलवाल पिता गोपाल खंडेलवाल (30 वर्ष) के खिलाफ धारा 8 22 (ग) 27 (कै) एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की। उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया।

ऑनलाइन व्यापार करने वाली कंपनी की चुराता था डेटा

एएसपी ने बताया कि वैभव खंडेलवाल ने पूछताछ में खुलासा किया कि सिर्फ जीएसटी बनाने में खर्च करता था। उसने बताया कि ऑनलाइन व्यापार करने वाली कंपनी का डेटा चोरी करता है। फिर उसमें कूटरचना कर अपने नाम की फर्जी फर्म तैयार कर लेता है। उस फर्म की क्रेडिट से फार्मास्यूटिकल कंपनियों से ऑनलाइन टैबलेट मंगा कर सप्लाई करता है। हांलाकि उसके इस करतूत की अभी जांच की जा रही है। आगे और बड़ा खुलास हो सकता है।

ऑनलाइन मांगाता था नशीली दवाएं

एएसपी ने बताया कि वैभव फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की ऑनलाइन साइट बिजनेस टू बिजनेस प्लेटफार्म इंडिया मार्ट से ऑनलाइन रजिस्टर्ड करता था। फर्जी लाइसेंस और फैक्सपीके से दवाओं के मैन्युफैक्चरर को सीधे सेलर बताकर बिजनेस टू बिजेनेस प्लेटफार्म इंडिया मार्ट से नशीली दवाओं को ऑनलाइन मंगाता है। उसका पेमेंट ई-एकाउन्ट से ऑनलाइन करता है। एएसपी ने बताया कि वैभव अपने शातिराना अंदाज से बड़ी-बड़ी कंपनियों का भरोसा जीतता है। वह उन्हीं कंपनियों को आर्डर करता है, जो उसे एक्सपायरी डेट की कगार पर होती है। कंपनियां औने-पौने दाम पर सप्लाई करती है। आरोपी उसे यहां खपाता था। वह ऐसी दवाएं है जो बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं दी जाती है।

Published on:
18 Sept 2025 12:05 pm
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