CG News: करीब एक घंटा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर गर्दन की हड्डी में दर्द का अहसास होना शुरू हो जाता है, लेकिन इसके बावजूद लोग अपने सिटिंग पैटर्न को ठीक नहीं करते, न ही गर्दन को आराम देते हैं। इससे गंभीर समस्याएं शुरू होना तय है।
CG News: मोहम्मद जावेद @। गर्दन झुकाकर घंटों मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वालों को शायद अंदाजा भी नहीं है कि वे अपनी गर्दन पर करीब 27 किलोग्राम का वजन ढो रहे हैं। यह वजन उन्हें महसूस तो नहीं हो रहा, पर रीढ़ से लेकर गर्दन तक की हड्डी को डैमेज कर रहा है।
रिसर्च में सामने आया कि करीब एक घंटा मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर गर्दन की हड्डी में दर्द का अहसास होना शुरू हो जाता है, लेकिन इसके बावजूद लोग अपने सिटिंग पैटर्न को ठीक नहीं करते, न ही गर्दन को आराम देते हैं। इससे गंभीर समस्याएं शुरू होना तय है।
एंगल वजन
सीधी 5
30 डिग्री 18
60 डिग्री 27
संस्थान ने एक ऐसा ऐप तैयार किया है, जो गलत तरीके से मोबाइल को होल्ड करने पर पॉपअप मैसेज देता रहेगा। मोबाइल फोन के कुछ सेंसर्स का इस्तेमाल कर यह ऐप मोबाइल पकड़ने का सही एंगल और गर्दन की सही स्थिति भी बताएगा। इस ऐप का नाम टेकईज रखा गया है, जिसे जल्द ही यूजर्स गूगल के प्लेस्टोर से डाउनलोड कर सकेंगे। इसका एक वर्जन मेडिकल फील्ड के लिए भी होगा, जिससे डॉक्टर्स अपने मरीजों की समस्याओं को दूर कर सकेंगे।
प्रोजेक्ट से जुड़े एम्स रायपुर के विशेषज्ञों ने बताया कि एक ही पोजिशन में लंबे समय तक बैठने, लेटने या खड़े रहने की स्थिति में नसों से जुड़ी समस्याओं की आशंका 87 फीसदी तक बढ़ जाती हैं। गलत एंगल की वजह से पड़ने वाले दवाब को देखते हुए कई बार कुछ केसेज में ऑपरेशन तक की नौबत होती है।
सहायक प्राध्यापक और इस प्रोजेक्ट में मेंटॉर डॉ. जोस इमैनुअल आर. ने बताया कि करीब 37 फीसदी युवा दिन में सात घंटे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी स्पाइन और हैड नैक संबंधी समस्याएं होने का खतरा भी बहुत बढ़ गया है।
आज के आधुनिक युग में मोबाइल फोन वरदान है, लेकिन इससे होने वाले नुकसान भी हैं। इसलिए टेक्नोलॉजी के जरिए इसके दुष्प्रभाव को कम किया जाना बेहद जरूरी है।
-प्रो. राजीव प्रकाश, निदेशक, आइआइटी भिलाई