नगर, निगम, भिलाई के आयुक्त देवेश ध्रु ने आईटीआई परिसर में गारमेंट फैक्ट्री का काम शुरू करने ठेका एजेेंसी को निर्देश दिया है। यह काम विधानसभा चुनाव के बाद से बंद पड़ा था।
नगर निगम, भिलाई, खुर्सीपार के आईटीआई ग्राउंड में 500 सीट शहरी महिला आजीविका केंद्र का निर्माण किया जा रहा था। विधानसभा चुनाव के बाद से इस कार्य को रोक दिया गया था। अब पुन: इस काम को शुरू करने का फैसला नगर निगम ने लिया है। इसको लेकर निगम आयुक्त ने कार्य करने वाली एजेंसी को निर्देश भी दे दिया है।
गारमेंट फैक्ट्री का निर्माण नगर निगम करीब 8 करोड़ की लागत से कर रहा है। इसके पीछे उद्देश्य क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार देना है। उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना बनाई गई थी। इस तरह की फैक्ट्री छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में शुरू की गई है।
भिलाई के इतिहास में पहली बार एक नई रोजगार क्रांति के रूप में इसे देखा जा रहा है। यहां की फैक्ट्री से तैयार कपड़ों की सप्लाई देशभर में की जाएगी। भिलाई में यहां छत्तीसगढ़ की खुद के ब्रांड के कपड़ों की गारमेंट फैक्ट्री खुलेगी। इसका खुद का ब्रांड का नाम होगा। भिलाई जिसे औधोगिक नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यह औधोगिक नगरी को अब एक और नई पहचान मिलने वाली है।
महिलाओं को सिलाई का काम पहले से आता उन्हें और जिन्हें नहीं आता उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। महिलाओ को यहां मास्क, शर्ट, कुर्ता बनाने की ट्रेनिंग दिया जाएगा। भिलाई को गारमेंट का हब बनाया जाएगा। इस पर काम शुरू कर दिए है और जल्द ही भिलाइवासियो के लिए एक रोजगार क्रांति देखने को मिलेगा। इससे यहां काम करने वाली महिलाओं का पूरा परिवार आर्थिक रूप से मजबूत होगा। महिलाओं को गारमेंट फैक्ट्री के संचालन के लिए 45 दिवस की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद ही प्राइमरी शेड से मेन शेड में महिलाओं को काम करने के लिए भेजा जाएगा। गारमेंट फैक्ट्री को सुरक्षित रखने के लिए चारों ओर से बाउंड्री वाल का निर्माण किया जाएगा। गारमेंट फैक्ट्री में कपड़े के लिए मशीन लगाने की तैयारी है। इसका संचालन करने के लिए निगम से व्यवस्था की जाएगी।