CG News: भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) में कार्यरत एचएससीएल के करीब 7,000 ठेका श्रमिकों को काम समाप्त होने के बाद हटा दिया गया है, लेकिन उन्हें अब तक अंतिम भुगतान नहीं किया गया है।
CG News: छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) में कार्यरत एचएससीएल के करीब 7,000 ठेका श्रमिकों को काम समाप्त होने के बाद हटा दिया गया है, लेकिन उन्हें अब तक अंतिम भुगतान नहीं किया गया है। नियमों के अनुसार यह भुगतान संबंधित ठेकेदारों के जरिए किया जाना चाहिए। मजदूरों का कहना है कि कुल बकाया राशि करीब 50 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है, लेकिन यह रकम उनके खातों तक नहीं पहुंच रही है।
यदि ठेकेदार अंतिम भुगतान नहीं करते हैं, तो नियमों के तहत प्रबंधन ठेकेदार की राशि से सीधे मजदूरों को भुगतान कर सकता है। इसके लिए कुछ औपचारिक प्रक्रियाएं पूरी करनी होती हैं। मौजूदा स्थिति में मजदूर ठेकेदार और प्रबंधन के बीच फंसे हुए हैं। अंतिम भुगतान उनकी वैधानिक जमा राशि है, लेकिन महीनों बीतने के बावजूद उन्हें यह नहीं मिल पाई है। प्रथम नियोक्ता होने के कारण बीएसपी और एचएससीएल पर ही मजदूरों की उम्मीद टिकी है।
बीएसपी में लंबे समय तक काम कर चुके एचएससीएल के कई ठेका श्रमिकों को रिटायरमेंट या प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद बिना अंतिम भुगतान के ही विदा कर दिया गया। इसके बाद मजदूर यूनियन नेताओं के साथ दफ्तरों के चक्कर काटते रहे। आवश्यक दस्तावेज जमा करने और प्रबंधन से कई बार बातचीत के बावजूद अंतिम भुगतान अब तक नहीं मिला, जिससे श्रमिकों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
एचएससीएल के इन ठेका श्रमिकों को कम से कम 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक अंतिम भुगतान मिलना है। इसमें बोनस, ओवरटाइम और बकाया वेतन शामिल है। मजदूर लगातार एचएससीएल और ठेकेदारों के चक्कर काट रहे हैं, जबकि ठेकेदार यह कहकर भुगतान टाल रहे हैं कि संस्था से राशि रोकी गई है।
बीएसपी के पूरे संयंत्र में चल रहे करीब 60 फीसद मेंटेनेंस कार्य एचएससीएल के ठेका श्रमिकों द्वारा किया गया है। इन श्रमिकों ने रेल मिल (आरएसएम), यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम), टीएंडडी, एसएमएस-1, 2 व 3, ब्लास्ट फर्नेस, कोक ओवन, पावर प्लांट-1 व 2, प्लेट मिल, सीएंडसी, आरएमपी-2, सीईडी, वायर रॉड मिल, मर्चेंट मिल, बीवीएम, सिंटर प्लांट (एसपी-1, 2, 3) के प्रोजेक्ट तथा यूआरएम में लोडिंग-अनलोडिंग का कार्य किया है।
&ठेका श्रमिकों को अंतिम भुगतान दिलाने की जिम्मेदारी प्रथम नियोक्ता होने के कारण एचएससीएल प्रबंधन की है। करीब सात हजार श्रमिकों का 50 करोड़ रुपए भुगतान लंबित है।
ठेकेदारों को चाहिए कि वे ठेका श्रमिकों को जल्द अंतिम भुगतान करें और उसके बाद एचएससीएल में दस्तावेज जमा कर भुगतान प्राप्त करें। प्रबंधन चाहता है कि मजदूरों को उनकी राशि शीघ्र मिले।