डीएमएफटी फंड से होगा 275 करोड़ 37 लाख रुपए का व्यय 13वीं बैठक टली, लेकिन स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बड़ा बजट
भीलवाड़ाडिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) भीलवाड़ा की प्रस्तावित 13वीं बैठक तो नहीं हो सकी, लेकिन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से प्रस्तुत प्रस्तावों पर बड़ा फैसला लिया गया। 14 चिकित्सालय भवनों के निर्माण की अनुमोदन की प्रत्याशा में प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है। इस पर करीब 275 करोड़ 37 लाख रुपए व्यय होंगे। डीएमएफटी की बैठक 25 अगस्त को होनी थी, लेकिन जिले के विधायक, सांसद के मुख्यमंत्री की बैठक में जयपुर होने से नहीं हो सकी। हालांकि सभी विधायकों व सांसद से 12.50 करोड़ रुपए तक के प्रस्ताव पहले ही प्राप्त कर लिए थे। इसके आधार पर यह प्रशासनिक स्वीकृति जारी की गई है। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि यह बजट घोषणा के नाम पर इन कार्यो की स्वीकति जारी की है। हालांकि आदेश में एक शब्द लिखा गया है
कहां-कहां बनेंगे चिकित्सालय भवन
- शहरी क्षेत्र पुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 7 करोड़ 11 लाख रुपए।
- हमीरगढ़, बिजौलिया, माण्डलगढ़ व जहाजपुर, कोटड़ी में उप जिला चिकित्सालय भवन प्रत्येक पर 43 करोड़ 38 लाख रुपए।
- सवाईपुर, कारोई, ब्राह्मणों की सरेरी, रायला, बडलियास, सहाड़ा के खांखला में सीएचसी भवन प्रत्येक पर 8 करोड़ 36 लाख रुपए।
- आसींद के मरेवड़ा व रामपुरिया में उप स्वास्थ्य केंद्र प्रत्येक पर 60-60 लाख रुपए व्यय होंगे।
एजेंसी और शर्तें
निर्माण कार्य की कार्यकारी एजेंसी अधिशाषी अभियंता, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अजमेर होगी। कार्य तभी शुरू होंगे जब कार्यकारी एजेंसी की ओर से प्रमाण पत्र प्रस्तुत होगा। तकनीकी स्वीकृति प्राप्त होगी। वित्तीय मापदंडों की पूर्ति सुनिश्चित होगी।
खनन प्रभावित क्षेत्र को प्राथमिकता
डीएमएफटी ने इन स्वीकृति के पीछे नियमों का हवाला दिया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में भवन निर्माण होंगे, वे सभी खनन प्रभावित क्षेत्र बता रहा है। डीएमएफटी में लगे सेवानिवृत्त कर्मचारियों का मानना है कि प्रदेश में एक मात्र ही भीलवाड़ा जिला ऐसा है जिसकी सभी ग्राम पंचायते खनन कार्य से प्रभावित हैं। इसके कारण इन कार्यों को जन उपयोगी और अति आवश्यक बताया गया है। भीलवाड़ा जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए एक साथ इतने बड़े पैमाने पर निवेश पहली बार हो रहा है।
275 करोड़ का फायदा
इस राशि से ग्रामीण व अर्धशहरी इलाकों को आधुनिक चिकित्सालय भवनों का लाभ मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं और मजबूत होंगी। इन निर्माण कार्य के लिए टैंडर भी जारी कर दिया गया है।
भीलवाड़ा जिले की सड़कें खराब
खनिज विभाग का मानना है कि खनिज प्रभावित क्षेत्रों की सभी सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं। शाहपुरा से जहाजपुर व बिजयनगर रोड, काछोला, गेहूली, भीलवाड़ा, मंगरोप, हमीरगढ़ से मांडलगढ़ क्षेत्र के रोड़ मिनरल से भरे भारी वाहनों के चलते क्षतिग्रस्त हैं। उन मार्गों पर काफी गड्ढे पड़े हैं, उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। शाहपुरा मार्ग पर रोजाना के एक हजार डंपर निकलते हैं। लेकिन बजट घोषणा का हवाला देकर चिकित्सालय भवन पर करोड़ों रुपए की स्वीकृति जारी की गई है।