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अब चेक क्लीयरेंस में फिर देरी, आरबीआई ने फेज-2 रोका

बैंकों को मिला और समय, नए समय-स्लॉट भी लागू कंटीन्युअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट सिस्टम नहीं हुआ पूरा अपडेट

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Now there are further delays in cheque clearance, as the RBI has halted Phase 2.

Now there are further delays in cheque clearance, as the RBI has halted Phase 2.

चेक के जरिए होने वाले लेन-देन को और तेज बनाने की दिशा में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से लागू किए जा रहे कंटीन्युअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट सिस्टम को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। आरबीआई ने चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) के फेज-2 को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। इससे प्रदेशभर के बैंकों और लाखों खाताधारकों को फिलहाल नई व्यवस्था के लाभ के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि बैंकों को अपनी आंतरिक प्रक्रियाएं और तकनीकी व्यवस्थाएं मजबूत करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है। इसी कारण फेज-2 के क्रियान्वयन को टालने का निर्णय किया गया है। अब सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक के चेक क्लियरिंग में जाएंगे।

पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने इस सिस्टम को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए थे। इस समाचार को भीलवाड़ा जिले समेत प्रदेश के कई बैंकों ने अपने काउंटरों पर भी लगाया था। ताकि लोगों को इसकी पुख्ता जानकारी मिल सके। इसमें बताया गया था की कंटीन्युअस क्लियरिंग एंड सेटलमेंट सिस्टम अभी पूरी तरह से काम नहीं कर पा रहा है। इससे चेक क्लियरिंग होने में परेशानी आ रही है। पत्रिका में 9 अक्टूबर 2025 को कंटीन्युअस क्लियरिंग सिस्टम फेल, करोड़ों के चेक फंसे तथा 23 अक्टूबर को दीपावली से पहले बैंकों में क्लियरिंग सिस्टम फेल, करोड़ों रुपए का पेमेंट अटका, शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए थे। इसे आरबीआई ने गंभीरता से लेते हुए फिलहाल अपना फेज-2 को टाल दिया है।

कुछ घंटे में होने वाले थे चेक क्लियर

आरबीआई ने अपने तेज़ चेक क्लियरेंस फ्रेमवर्क के चरण-2 को टाल दिया है। यह चरण 3 जनवरी से लागू होने वाला था। इसके तहत बैंकों को चेक मिलने के 3 घंटे के अंदर इसे मंजूर या अस्वीकृत करना अनिवार्य होता। इस परियोजना का चरण 1 पहले ही 4 अक्टूबर 2025 से लागू किया जा चुका है।

क्या था फेज-2 का उद्देश्य

इस व्यवस्था के तहत चेक जमा होने के बाद उसी दिन या बेहद कम समय में भुगतान सुनिश्चित करने की योजना थी। इससे व्यापारियों, उद्योगों और आम ग्राहकों को तेज भुगतान का सीधा लाभ मिलना था।

खाताधारकों पर असर

प्रदेश में रोजाना लाखों चेक लेन-देन होते हैं। फेज-2 के टलने से सरकारी भुगतान, व्यापारिक ट्रांजेक्शन, शिक्षा, मेडिकल और रियल एस्टेट से जुड़े चेक भुगतान में तुरंत सेटलमेंट की सुविधा फिलहाल नहीं मिल पाएगी। हालांकि यह निर्देश पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट-2007 की धारा 10(2) व 18 के तहत जारी किया गया है।

कमियों को किया जाएगा दूर

भारतीय रिज़र्व बैंक ने 24 दिसंबर को जारी आदेश में कंटीन्युअस क्लियरिंग सिस्टम फेज़-2 को स्थगित किया है ताकि फेज़ प्रथम में रही कमियो को एनपीसीआई एवं बैंकों की ओर से जल्द से जल्द पूरा कर सके एवं प्रथम फेज़ की उपयोगिता का लक्ष्य शत प्रतिशत प्राप्त हो।

हेमेंद्र कौशिक, वरिष्ठ प्रबंधक बैंक