अगले साल से बोर्ड परीक्षाओं में अपार आईडी को किया अनिवार्य - कक्षा 9 से 12 तक सभी छात्रों को मिलेगी 12 अंकों की ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी’
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2026 की बोर्ड परीक्षाओं से पहले बड़ा बदलाव लागू करते हुए कक्षा 9 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों के लिए अपार आईडी को शैक्षणिक रिकॉर्ड से जोड़ना अनिवार्य कर दिया। यह कदम शिक्षा मंत्रालय की ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी’ पहल के तहत उठाया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को डिजिटल रूप में सुरक्षित रखना और उन्हें आजीवन उपलब्ध कराना है।
क्या है अपार आईडी
अपार आईडी एक 12 अंकों की डिजिटल पहचान है, जो डिजिलॉकर और एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) से जुड़ी होगी। इसमें छात्र की पूरी शैक्षणिक यात्रा का रिकॉर्ड रहेगा। जैसे परीक्षाओं के नतीजे, प्रमाणपत्र, पुरस्कार और अन्य उपलब्धियां।
जेईई, नीट और सीयूईटी में होगी जरूरी
यह आईडी भविष्य में जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्राथमिक पहचानकर्ता के रूप में इस्तेमाल होगी। इसके अलावा छात्रवृत्ति, उच्च शिक्षा में प्रवेश और विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के लिए भी यह आवश्यक होगी।
स्कूलों को निर्देश
सीबीएसई ने देशभर के स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि कक्षा 9वीं और 11वीं के रजिस्ट्रेशन के समय छात्रों की अपार आईडी अनिवार्य रूप से दर्ज करें। कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले सभी छात्रों की अपार आईडी एकत्र करें। आईडी जनरेशन यूडीआइएसई पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
भविष्य में होगा बड़ा लाभ
सुवाणा ब्लॉक के सीबीईओ रामेश्वर प्रसाद जीनगर का मानना है कि अपार आईडी लागू होने से विद्यार्थियों को न केवल परीक्षाओं में बल्कि करियर के शुरुआती वर्षों में भी बड़ी सुविधा होगी। यह उनके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों को तुरंत उपलब्ध कराएगी, जिससे वेरिफिकेशन की प्रक्रिया आसान और तेज हो जाएगी।
अपार आईडी के फायदे
- शैक्षणिक डेटा की सटीकता और पारदर्शिता
- दोहराव और फर्जी रिकॉर्ड पर नियंत्रण
- रिकॉर्ड का आजीवन सुरक्षित संग्रह
- विभिन्न संस्थानों में प्रवेश और छात्रवृत्ति में सहूलियत
- जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी परीक्षाओं में एकीकृत पहचान