भीलवाड़ा जिले में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर भगवानपुरा पंचायत से 25 अवैध दुकानों को हटाया जाएगा। SDM और SP को हाईकोर्ट ने कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। भीलवाड़ा कलक्टर द्वारा 25 दुकानों के पट्टे जारी किए गए थे।
भीलवाड़ा: राजस्थान हाईकोर्ट ने ग्राम पंचायत भगवानपुरा की सरपंच रतना प्रभा चुंडावत की याचिका पर कार्रवाई करते हुए उपखंड अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पंचायत भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाने में पुलिस सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। जस्टिस कुलदीप माथुर ने रिकॉर्ड का अवलोकन कर स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पंचायती राज नियम 1996 की धारा 165(6) के तहत न्यायसंगत और आवश्यक है।
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में बताया गया कि कलक्टर भीलवाड़ा द्वारा 25 दुकानों के पट्टे जारी किए गए थे, जिन्हें पहले ही अवैध घोषित किया जा चुका है। यह पट्टे पंचायती राज अधिनियम, 1994 के प्रावधानों के खिलाफ थे। इसके बाद उक्त दुकानदार अतिक्रमणकारियों के रूप में पहचाने गए। ग्राम पंचायत ने उपखंड अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को कई बार पत्र लिखकर पुलिस सहायता का अनुरोध किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
याचिकाकर्ता ने अदालत में यह भी बताया कि पंचायती राज नियम 1996 की धारा 165(6) के अनुसार, ग्राम पंचायत सीधे या उपखंड मजिस्ट्रेट के माध्यम से पुलिस सहायता लेकर अपनी भूमि पर अतिक्रमण को हटाने के लिए कार्रवाई कर सकती है।
कई बार आग्रह करने के बावजूद सहयोग न मिलने पर, सरपंच ने इस मामले में राज्य सरकार के स्थानीय स्व-शासन विभाग के प्रधान सचिव, उपखंड अधिकारी भीलवाड़ा, विकास अधिकारी पंचायत समिति मंडल, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को प्रतिवादी बनाया।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उपखंड अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को ग्राम पंचायत को उचित पुलिस सहायता प्रदान करनी होगी, ताकि अवैध अतिक्रमण हटाया जा सके। अदालत ने यह कार्रवाई यथाशीघ्र, अधिमानतः आदेश की तारीख से चार सप्ताह के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि यह सहायता केवल उन दुकानदारों के अतिक्रमण को हटाने के लिए दी जाएगी, जिनके पट्टे अवैध घोषित किए जा चुके हैं। न्यायालय का आदेश ग्राम पंचायत की भूमि पर स्वच्छता और अवैध कब्जे को रोकने में अहम माना जा रहा है।
इस निर्णय से पंचायतों को अपनी जमीन पर अवैध कब्जा रोकने और अतिक्रमण हटाने में सहूलियत मिलने की उम्मीद है। ग्राम पंचायत भगवानपुरा की सरपंच रतना प्रभा चुंडावत ने भी अदालत के निर्देश का स्वागत किया और कहा कि अब जमीन पर कब्जे को हटाने में सरकारी अधिकारियों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित होगी।