भीलवाड़ा

भीलवाड़ा में बड़ी खोज: कोचरिया में मिले गारनेट के विशाल भंडार, 73.62 हेक्टेयर लीज नीलामी को तैयार

Bhilwara News: भीलवाड़ा के कोचरिया क्षेत्र में 73.62 हेक्टेयर में गारनेट के भंडार मिलने से खनिज विभाग में हलचल है। जियोलॉजिकल सर्वे टीम ने 45 दिन में 850 मीटर तक ड्रिलिंग कर खनिज की पुष्टि की। रिपोर्ट आईबीएम नागपुर भेजी गई है, जिसकी पुष्टि के बाद प्रदेश में पहली बार गारनेट लीज की नीलामी होगी।

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Nov 14, 2025
गारनेट के विशाल भंडार मिले (फोटो- पत्रिका)

Bhilwara News: भीलवाड़ा शहर से करीब 25 किमी दूर कोचरिया क्षेत्र में गारनेट के भंडार मिलने से खनिज विभाग में हलचल बढ़ गई है। खान निदेशालय की जियोलॉजिकल सर्वे टीम ने 45 दिन की मेहनत के बाद सफलता हासिल की है।

बता दें कि अब इस खोज की रिपोर्ट भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) नागपुर को भेजी गई है, जिसकी पुष्टि होते ही 73.62 हेक्टेयर क्षेत्र की लीज नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह प्रदेश का पहला मौका होगा, जब राज्य में गारनेट खनिज की लीज नीलामी के लिए रखी जाएगी।

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खान विभाग की भू-वैज्ञानिक टीम को यह सफलता 14 बोर करने के बाद मिली। टीम ने 12 जून से 23 जुलाई 2025 तक लगभग 850 मीटर गहराई तक ड्रिलिंग की। 200 गुना 200 मीटर के क्षेत्र में यह ड्रिलिंग कार्य किया गया। कठिन भू-भाग और तकनीकी चुनौतियों के बावजूद विभाग की टीम ने लगातार 45 दिन तक कार्य जारी रखा और अंतत: गारनेट की मौजूदगी की पुष्टि की। इस खोज के दौरान लिए गए सैंपल आईबीएम नागपुर भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद विभाग विस्तृत सर्वे और लीज नीलामी की प्रक्रिया को शुरू करेगा।

भू-वैज्ञानिकों की रही अहम भूमिका

इस खोज में वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक भीलवाड़ा की टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही। दोनों ने टीम का नेतृत्व करते हुए कठिन परिस्थितियों में भी कार्य जारी रखा। गारनेट की यह लीज कोचरिया और सुंदरपुरा तक लगभग 73.62 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। गारनेट क्रिस्टल का आकार 2 से 5 सेमी व्यास तक है और यह 50 मीटर से 180 मीटर की चौड़ाई में दो शाखाओं में विभाजित है।

निशान बने सुराग

कोचरिया में कई वर्ष पहले अवैध रूप से गारनेट खनन के कुछ मामले सामने आए थे। तब कुछ गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए थे, जिनमें अब पानी भरा हुआ है। इन्हीं निशानों के आधार पर वैज्ञानिक सर्वे शुरू किया।

गारनेट और उपयोग

गारनेट सिलिकेट खनिजों का एक समूह है, जिसे अक्सर गहरे लाल रंग के अर्ध-कीमती रत्न के रूप में जाना जाता है। यह हरे, नारंगी, पीले और गुलाबी जैसे अन्य रंगों में भी पाया जाता है। इसका मुख्य उपयोग गहनों में होता है।

कोचरिया में गारनेट की खोज की है। आईबीएम नागपुर से विश्लेषण रिपोर्ट आने के बाद जी-2 लेवल का एक्सप्लोरेशन किया जाएगा। उसके बाद 73 हेक्टेयर का एमएल ब्लॉक बनाकर नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह राजस्थान की पहली गारनेट की लीज होगी।
-ओपी काबरा, अधीक्षण खनिज अभियंता, भीलवाड़ा

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Published on:
14 Nov 2025 08:03 am
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