- बजरी की नीलामी में उच्चत्तम बोली लगाने के बाद राशि जमा न कराने का मामला - पत्रिका में समाचार प्रकाशन के बाद खान एवं भू विज्ञान विभाग उदयपुर के निदेशक ने जारी किए आदेश
Bhilwara news : खान एवं भू विज्ञान विभाग उदयपुर के निदेशक भगवती प्रसाद ने आदेश जारी कर दो कम्पिनयों को 5-5 साल के लिए डिबार कर दिया है। इन दोनों कम्पनी पर बजरी की नीलामी में उच्चतम बोली लगाने के बाद प्रीमियम राशि के रूप में उच्चतम बोली का 40 प्रतिशत राशि जमा नहीं कराई थी। ऐसे में खनिज विभाग ने कम्पनियों की और से नीलामी के लिए जमा कराई 40-40 लाख रुपए की राशि भी जब्त कर ली गई। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने बुधवार के अंक में बड़ी बोली लगा पीछे हट रहे, अमानत राशि जब्त करा रूकवा रहे नीलामी शीर्षक से समाचार प्रकाशित किए थे।
डीएमजी के आदेश के अनुसार भीलवाड़ा खनिज विभाग की ओर से बजरी के प्लॉट की नीलामी निकाली गई। नीलामी में ग्लेज कॉर्पोरेट सर्विसेज प्रा.लि. व रॉयल सिक्यूरिटीज सर्विसेज ने विभिन्न प्लॉट में 150-150 करोड़ तक उच्चतम बोली लगाई। उच्चतम बोलीदाता की ओर से राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 के नियम 14 (10) एवं ई-नीलामी विज्ञप्ति के बिन्दु संख्या 'स' की पालना में प्रीमियम राशि के रूप में उच्चतम बोली का 40 प्रतिशत प्रथम किश्त के साथ आवश्यक दस्तावेज ई- नीलामी की तिथि से 15 दिवस में खनि अभियंता भीलवाड़ा कार्यालय में जमा कराना अनिवार्य था। लेकिन बोलीदाता ने इसकी पालना नहीं की। ऐसे में उच्चतम बोलीदाता ग्लेज कॉर्पोरेट सर्विसेज प्रा.लि. व रॉयल सिक्यूरिटीज सर्विसेज नियम 14 (10) की पालना निश्चित समयावधि में करने में विफल रहे है।
खनिज अभियन्ताचंदनकुमार ने बताया कि राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली 2017 के नियम 14 (10) की पालना नहीं किए जाने पर नियम 14 (11) के प्रावधानों अनुसार दोनों कम्पनियों की ओर से जमा कराई बिड प्रतिभूति राशि 40-40 लाख जब्त की जाकर उन्हें आगामी पांच वर्षों के लिए ई-नीलामी में भाग लेने से डिबार कर दिया है। दोनों कम्पनियां अब भीलवाड़ा तहसील क्षेत्र में बजरी के ब्लॉक की नीलामी में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।