- कार्यशाला में उद्यमियों को दी टेक्नीकल टेक्सटाइल की जानकारी
Bhilwara news : भीलवाडा में स्थापित रेपियर, एयरजेट, डोनियर लूम पर कई तरह के टेक्नीकल टेक्सटाइल बनाए जा सकते है, जो कि कन्स्ट्रक्शन, ऑटोमेटिव, मेडीकल एवं औद्योगिक इकाइयों में विभिन्न उपयोगों लिए जा सकते है। भीलवाडा में वीविंग मशीनों के साथ कुछ अतिरिक्त मशीन लगाकर पेपर कॉटेड, प्लास्टिक कॉटेड टेक्नीकल टेक्सटाइल बनाई जा सकती है। इसी तरह कपडे को केमिकल ट्रीटमेंट करके अग्निरोधी, जलरोधी कपडे बनाए जा सकते है। यह बात मेवाड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री एवं इण्डियन टेक्सटाइल एसेसरीज एवं मशीनरी एसोसिएशन मुम्बई की ओर से गुरुवार को मेवाड चैम्बर भवन में आयोजित टेक्नीकल टेक्सटाइल सेमीनार में विशेषज्ञ एनडी महात्रे ने उद्यमियों को बताई। महात्रे ने बताया कि सामान्य कॉटन या पीवी फाइबर से आगे बढकर ग्लास, एरामिड एवं कार्बन फाइबर के उपयोग से भी टेक्नीकल टेक्सटाइल बनाए जा सकते है। भीलवाडा की एक-दो स्पिनिंग इकाइयां तरह-तरह के नए एवं वनस्पति फाइबर के उपयोग से यार्न बना रहे है। इस तरह के फाइबर को नैनो टेक्नोलॉजी के प्रयोग से ट्रीट कर कई तरह के मेडीकल विज्ञान में काम आने वाली उपकरण, कपडे, स्टण्ट आदि में उपयोगी होते है। कार्यशाला में चैम्बर अध्यक्ष डीपी मंगल ने स्वागत किया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष आरसी लोढा ने विशेषज्ञों का परिचय करवाया। महासचिव आरके जैन ने संचालन किया। उपाध्यक्ष योगेश लढ्ढा, कोषाध्यक्ष एनके जैन, भीलवाडा टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन के पीएस गर्ग के साथ उद्यमी, एमएलवी टेक्सटाइल कॉलेज प्रोफेसर भी उपस्थित थे।