1 अप्रेल से नया सत्र शुरू करने की तैयारी पर नया पेच फरवरी-मार्च में दोहरी जिम्मेदारी से शिक्षक संगठनों की चिंता बढ़ी संघों ने फरवरी-मार्च को ‘ब्लॉक पीरियड’ घोषित करने की रखी मांग
शिक्षा विभाग की ओर से आगामी शैक्षिक सत्र 2025-26 को 1 अप्रेल से शुरू करने की तैयारी के बीच अब एक नई प्रशासनिक चुनौती सामने आ गई है। दरअसल, मार्च 2026 में प्रस्तावित प्रतियोगी परीक्षाएं स्कूली परीक्षा कार्यक्रम में बाधा बन सकती हैं।
शिक्षक संगठनों ने चेताया है कि अगर इसी अवधि में लोक सेवा आयोग या कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से बड़ी प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित की गईं, तो स्कूल स्तर की परीक्षाओं का संचालन और मूल्यांकन कार्य प्रभावित होगा।
फरवरी-मार्च में व्यस्तता का चरम
नए सत्र के अनुसार यदि अप्रेल से शिक्षण शुरू होता है, तो फरवरी 2026 में बोर्ड परीक्षाएं और मार्च में स्कूल स्तरीय वार्षिक परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं। इन महीनों में शिक्षकों की परीक्षा संचालन, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन और 31 मार्च तक परिणाम जारी करने की जिम्मेदारी होती है। शिक्षक प्रतिनिधियों ने कहा कि ऐसे में यदि उसी अवधि में प्रतियोगी परीक्षाएं रख दी जाती हैं, तो न केवल स्कूल परीक्षाएं प्रभावित होंगी बल्कि शिक्षकों पर दोहरी जिम्मेदारी भी आ जाएगी।
दोहरी जिम्मेदारी से परीक्षा गोपनीयता पर भी असर
राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश अध्यक्ष नीरज शर्मा ने बताया कि अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं के केंद्र सरकारी विद्यालयों में बनाए जाते हैं और ड्यूटी भी शिक्षकों को ही दी जाती है। ऐसे में परीक्षा संचालन के दौरान गोपनीयता और निष्पक्षता पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि शिक्षकों को समानांतर रूप से विद्यालयी परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं दोनों की जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी।
शिक्षक संगठनों की मांग
शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन बोर्ड और शिक्षा सचिव को ज्ञापन भेजकर यह मांग की है कि फरवरी और मार्च 2026 के दौरान कोई भी बड़ी प्रतियोगी परीक्षा आयोजित नहीं की जाएं, ताकि विद्यालय स्तर की परीक्षाएं सुचारु रूप से संपन्न हो सकें। शर्मा ने बताया कि शिक्षा विभाग जहां नई शिक्षा नीति के अनुरूप शैक्षिक सत्र को अप्रेल से मार्च तक करने की दिशा में अग्रसर है, वहीं अब परीक्षा कार्यक्रमों के टकराव से यह योजना प्रशासनिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण बन सकती है। विभाग समय रहते परीक्षा एजेंसियों के साथ साझा कैलेंडर जारी करे, ताकि दोनों परीक्षाओं का संचालन सुचारु व पारदर्शी रूप से हो सके।
ब्लॉक पीरियड घोषित करने का सुझाव
शिक्षक प्रतिनिधियों ने यह भी सुझाव दिया है कि शिक्षा विभाग को परीक्षा आयोजक एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए फरवरी और मार्च को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ब्लॉक पीरियड घोषित करना चाहिए। इससे न केवल विद्यालयी परीक्षाएं समय पर हो सकेंगी, बल्कि प्रशासनिक समन्वय व परीक्षा गोपनीयता दोनों बनी रहेंगी।