- रिक्तियों की सूची समय पर जारी नहीं होने से प्रक्रिया फिर लटकी - प्रिंसिपल पदोन्नत अधिकारियों को मिलने लगा नया वेतन
शिक्षा निदेशालय ने डीपीसी से चयनित प्रधानाचार्य (प्रिंसिपल) पद के लिए काउंसलिंग कैलेंडर को एक बार फिर संशोधित कर दिया है। यह तीसरी बार है जब समय-सारिणी आगे बढ़ाई गई है। पहले यह प्रक्रिया 15 दिसंबर तक पूरी होनी थी, लेकिन अब चयनित उम्मीदवार अपने विद्यालय विकल्प 26 दिसंबर तक लॉक कर सकेंगे।
शिक्षा निदेशालय के अनुसार, बुधवार (10 दिसंबर) तक सभी विद्यालयों में रिक्त पदों की सूची जारी की जानी थी। रिक्तियां आवश्यकता तथा लंबे समय से खाली चल रहे पदों के आधार पर तैयार होती हैं, लेकिन सूची समय पर जारी न होने से काउंसलिंग की तिथि एक बार फिर आगे बढ़ानी पड़ी।प्रिंसिपल तबादला सूची तीन बार जारी होने के बावजूद विभाग में एक संशोधित सूची और जारी होने की संभावना जताई जा रही है। इससे काउंसलिंग प्रक्रिया पर पुनः प्रभाव पड़ सकता है।
वाइस प्रिंसिपल से प्रिंसिपल पद पर पदोन्नत चयनित अधिकारी अपने-अपने विद्यालयों में यथास्थान ज्वाइन कर चुके हैं और उन्हें प्रिंसिपल पद का नया वेतन भी मिलना शुरू हो गया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि जैसे ही इन अधिकारियों को नियमित रूप से प्रिंसिपल पद पर कार्यभार सौंपा जाएगा, वाइस प्रिंसिपल के पद स्पष्ट रूप से रिक्त दिखने लगेंगे।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि प्रिंसिपल बने वाइस प्रिंसिपल्स के स्थान रिक्त होने के बाद दो वर्ष की डीपीसी में चयनित वाइस प्रिंसिपल अभ्यर्थियों के लिए काउंसलिंग का रास्ता खुलेगा। वाइस प्रिंसिपल के स्थान रिक्त होते ही कक्षा 11वीं–12वीं में पढ़ाने वाले कई व्याख्याता स्वाभाविक रूप से प्रमोट होकर ऊपर आएंगे, जिससे व्याख्याता के भी अनेक पद खाली होंगे। इन रिक्तियों पर अगले चरण में सैकंड ग्रेड शिक्षकों की तीन वर्ष की डीपीसी के माध्यम से चयन किए जाने की संभावना जताई जा रही है।