प्रदेश के हर स्कूल में लगेगा क्षेत्रीय गौरव बोर्ड, अपने गांव-शहर की पहचान होगी स्कूल की दीवार पर
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई विजन डॉक्यूमेंट बैठक के निर्देशों के अनुरूप राज्य सरकार ने एक नई शैक्षणिक पहल की है। इसके तहत राजस्थान के सभी सरकारी विद्यालयों में ‘ऐतिहासिक एवं भौगोलिक पृष्ठभूमि का बोर्ड’ लगाया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि यह बोर्ड 1 मीटर गुना 1.5 मीटर का होगा। इसमें विद्यालय की भौगोलिक स्थिति, सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक विशेषताओं की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रखते हुए अपने परिवेश से जोड़ना है। ताकि वे अपने क्षेत्र के गौरव, परंपराओं और भौगोलिक विशेषताओं से परिचित होकर गर्व महसूस कर सकें।
इस तरह से दे सकेंगे जानकारी
बोर्ड में सम्मिलित की जाएंगी ये जानकारियां
स्थानीय पहचान के माध्यम से शिक्षा को संपूर्णता
30 जुलाई तक बोर्ड लगाने के निर्देश
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक विद्यालय में यह बोर्ड 30 जुलाई तक अनिवार्य रूप से लगाया जाए। बोर्ड की सामग्री रोचक और दृश्यात्मक होनी चाहिए ताकि विद्यार्थियों की जिज्ञासा बनी रहे। इस पहल से न केवल शिक्षा में नवाचार आएगा, बल्कि विद्यार्थी अपनी जड़ों से भी जुड़ सकेंगे।
विद्यार्थियों का होगा समग्र विकास
राज्य सरकार की यह पहल शिक्षा को स्थानीयता से जोड़कर विद्यार्थियों के समग्र विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है। इससे बच्चे अपने आस-पास के प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परिवेश को जानकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करेंगे।
कल्पना शर्मा, सीबीईओ मांडलगढ़