- कर्मचारी विरोधी नीतियों और संवादहीनता के खिलाफ आर-पार की लड़ाई - 41 जिलों से एक लाख से अधिक कर्मचारियों को जुटाने की रणनीति
राज्य सरकार की संवादहीनता और संवेदनहीन रवैये के विरोध में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने संघर्ष तेज करने का ऐलान किया है। जयपुर में आयोजित संघर्ष चेतना महाधिवेशन में कर्मचारियों ने आक्रोश का खुलकर इजहार किया। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा की अध्यक्षता में हुए इस महाधिवेशन में प्रदेशभर के 88 संगठनों के 1500 से अधिक कर्मचारी एवं सैकड़ों संविदा कार्मिक शामिल हुए।
महाधिवेशन में निर्णय किया कि कर्मचारियों की लंबित मांगों की अनदेखी के विरोध में प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। इसी कड़ी में 19 जनवरी को जयपुर में चेतावनी महारैली आयोजित की जाएगी। इसमें प्रदेश के सभी 41 जिलों से एक लाख से अधिक कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने की रणनीति बनाई गई है। शर्मा ने कहा कि बजट घोषणाओं के बावजूद अधीनस्थ सेवाओं के कर्मचारियों का कैडर पुनर्गठन नहीं किया गया, न ही पदोन्नतियां दी जा रही हैं। वेतन विसंगतियां जस की तस बनी हुई हैं। इससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है। महासंघ के प्रदेश महामंत्री महावीर सिहाग और वरिष्ठ उपाध्यक्ष तेज सिंह राठौड़ ने बताया कि अधिवेशन से पहले प्रदेशभर में संघर्ष चेतना यात्रा निकालकर कर्मचारियों से संवाद किया गया था। इसका परिणाम है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी महाधिवेशन में पहुंचे और सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर आवाज बुलंद की। महासंघ के प्रदेश प्रतिनिधि कन्हैयालाल शर्मा ने बताया कि अधिवेशन को 41 जिलों के जिलाध्यक्षों, जिला संयोजकों तथा घटक संगठनों के प्रदेश पदाधिकारियों ने संबोधित किया। महाधिवेशन में भीलवाड़ा से जिलाध्यक्ष नीरज शर्मा के नेतृत्व में 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शामिल हुआ। इसमें कन्हैयालाल शर्मा, नलिन शर्मा, भेरूसिंह राजपूत, घनश्याम टेलर, गणेश शर्मा, शंकर माली और अशोक जीनगर मौजूद रहे।