- 12 साल से भीलवाड़ा से जमे सहायक अभियंता मूंदड़ा पर गंभीर आरोप - शास्त्रीनगर निवासी राकेश वर्मा ने लोकायुक्त व विभागीय निदेशक को पत्र भेजा।
समग्र शिक्षा विभाग में पदस्थ सहायक अभियंता राजकुमार मूंदड़ा पर गंभीर आरोप लगने के बाद भी कार्रवाई अटकी हुई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदेश के बावजूद उन्हें उनके मूल विभाग जलग्रहण एवं भू संरक्षण चित्तौड़गढ़ नहीं भेजा। गया। शिकायतों की बाढ़ और अनियमितताओं के सबूत सामने आने के बाद राज्य परियोजना निदेशक एवं आयुक्त स्कूल शिक्षा अनुपमा जोरवाल ने भी विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। लेकिन बाद में जांच रिपोर्ट को ही दफ्तर फाइल कर दी गई थी।
प्रतिनियुक्ति पर नियमों का उल्लंघन
मूंदड़ा करीब 12 साल से भीलवाड़ा में जमे हुए जबकि प्रतिनियुक्ति अधिकतम तीन साल तक मान्य होती है। चित्तौड़गढ़ के अतिरिक्त कार्यभार के साथ वे भीलवाड़ा में सक्रिय हैं। विभागीय नियमों के अनुसार एक विभाग से दूसरे विभाग में प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) लेना जरूरी होता, जो उन्होंने नहीं लिया। डीएमएफटी योजना में शिक्षा विभाग में करीब 300 करोड़ की स्वीकृति जारी की थी। इनमें से कई कार्यों में अनियमितताएं। सुवाणा पंचायत समिति में सहायक अभियंता रहते हुए मनरेगा कार्यों में गड़बड़ी। बिना अनुमति विदेश यात्रा। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत। तथ्य छुपाकर प्रतिनियुक्ति प्राप्त करने और राज्यादेशों की अवहेलना। एक मामला एसीबी में विचाराधीन।
कलक्टर ने दी थी चार्जशीट
तत्कालीन कलक्टर आशीष मोदी ने वर्ष-2023 में सीसीए नियम 17 के तहत चार्जशीट दी थी। राउमावि लादुवास में अतिरिक्त कक्षा निर्माण, विज्ञान प्रयोगशाला, कम्प्यूटर कक्ष, पुस्तकालय में फर्नीचर लगाने के कार्यों में लापरवाही और अनियमितता के आरोप लगे। हालांकि बाद में कलक्टर ने चेतावनी देकर मामले को बंद करते हुए भविष्य में अधिक सतर्क रहने की हिदायत दी थी। कोटा के सत्यनारायण शर्मा ने शिक्षा मंत्री दिलावर को शिकायत की