भीलवाड़ा

8 दोस्तों की सड़क हादसे में मौत: सुबह हंसते-मुस्कुराते घर से कुंभ को निकले, देर रात कफन में लिपटकर लौटे

8 Friends Died In Road Accident: परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों पर तो मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। कई घरों में विलाप व क्रुंदन के अलावा कुछ नहीं था।

4 min read

Mahakumbh Devotees Tragic Road Accident: हंसते मुस्कराते शुक्रवार सुबह जयकारों के बीच घर से निकले थे। प्रयागराज में महाकुंभ में डुबकी लगाने की हसरत थी, लेकिन बीच राह मौत काल बनकर टूट पड़ी। हादसा भी ऐसा भयावह हुआ कि उसकी काली छाया से समूचा बड़लियास सहम गया। खेतों से लेकर पगडंडी पर जिस किसी ने गांव के पांच नौजवानों की दुखद मौत के बारे में सुना, स्तब्ध रह गया। परिजनों पर तो मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। कई घरों में विलाप व क्रुंदन के अलावा कुछ नहीं था। रिश्तेदार व पडोसी उन्हें हरसंभव संभालने की कोशिश में जुटे थे हुआ था, लेकिन आंसूओं के सैलाब के सिवाय कुछ नहीं था। इस दुख में परिजनों के साथ पूरा गांव एक साथ खड़ा नजर आया। बताया गया कि हादसे के शिकार सभी 8 युवक दोस्त थे। इनमें सात की उम्र तो तीस साल से कम थी।

विचलित लोग बोले कैसे दें परिवार को सूचना

हादसे का पहाड़ सा दुख कैसे सहन कर पाएंगे, यह सोच कर ग्रामीण विचलित हो उठे। इसी कारण उन्होंने दो युवाओं के घर में हादसे की जानकारी ही नहीं दी। घर की तरफ जाने वाले लोगों को भी समझा दिया गया कि वह कोई अनहोनी बात नहीं करें। शवों के देर रात गांव पहुंचने से पहले परिजनों को बताया तो वे बिलख पड़े। ऐसा ही मंजर गांव के चार अन्य घरों का था।

मुआवजा मिलने पर ही करेंगे अंतिम संस्कार

सरपंच प्रकाशचन्द्र रेगर ने बताया कि घटना से समूचा बड़लियास स्तब्ध है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। कई बेसुध है। सरकार से मृतक आश्रित परिवारों को 21-21 लाख और एक सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिलने तक शवों का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा।

सुबह साढ़े दस बजे गांव से निकले थे


सुबह साढ़े दस बजे आठ युवा प्रयागराज जाने को कार से रवाना हुए थे। शाम चार बजे अचानक हादसे की सूचना आई तो समूचा गांव स्तब्ध रह गया। किसी को भी एकाएक विश्वास नहीं हुआ। हिम्मत जुटा कर घटना के बारे में बताया तो कई परिजन बेसुध हो गए।

घटना दुखद और पीड़ादायक है। ईश्वर से मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं। मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देनी चाहिए ताकि परिवार गुजर बसर कर सकें। पूरे प्रदेशवासी घटना से दुखी हैं।

  • धीरज गुर्जर, राष्ट्रीय सचिव, कांग्रेस

परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हो सके, इसलिए परिजनों को तुरंत पुलिस व तहसीलदार की मदद से भिजवाया। शवों को गांव लाने की व्यवस्था की। आयुष्मान आरोग्य दुर्घटना बीमा योजना का लाभ आश्रितों को दिलाने के लिए विभागीय प्रक्रिया शुरू कर दी। एससीएसटी एक्ट में प्रकरण बनता है या नहीं, इसका निर्णय एफआईआर आने पर कराया जाएगा। प्रशासन प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद कर रहा है।

  • जसमीत सिंह संधू, कलक्टर

मृतकों में कुछ भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता थे। जिला संगठन दिवंगतों की आत्मा की शांति और परिजनों को दुख की घड़ी में संबल और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता है। संगठन में शोक है।

प्रशांत मेवाड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष

मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। शोक संतप्त परिजनों को संबल एवं शक्ति प्रदान करें। घायलों के शीघ्र स्वस्थ करें। मदद के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

  • दामोदर अग्रवाल, सांसद, भीलवाड़ा

आश्रितों को तुरंत मदद का निर्देश

मांडलगढ़ विधायक गोपाल खंडेलवाल घटना की सूचना मिलते ही जयपुर में विधानसभा सत्र छोड़कर तुंरत दूदू पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को घटना से अवगत कराया। भीलवाड़ा कलक्टर जसमीत सिंह संधू से बातचीत की। खंडेलवाल ने बताया कि यह दुखद घटना है। मृतक आश्रितों को राज्य सरकार की तरफ से तत्काल मदद मिले, इसके लिए सीएम ने तुरंत निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

देर रात पोस्टमार्टम

दूदू के राजकीय चिकित्सालय में पुलिस ने देर रात आठों शवों का पोस्टमार्टम करवाया। इसके बाद विभिन्न वाहनों से शवों को भीलवाड़ा के गांवों के लिए रवाना किया गया।

बडलियास का दामाद था

हादसे का शिकार बना पलासिया निवासी शंकर (35) पुत्र नाथूलाल रेगर बडलियास निवासी लादूलाल रेगर का दामाद था। वह तीन पुत्रियों और एक पुत्र का पिता था। इसी प्रकार प्रकाश सुथार मुकुंदपुरिया व प्रमोद मेवाड़ा पलासिया निवासी था।

कोई किराणा दुकान तो कोई चलाता था मोबाइल शॉप

हादसे में मारा गया दिनेश (23) पुत्र मदनलाल रेगर अविवाहित था। तीन भाइयों में सबसे छोटा था। मोबाइल शॉप चलाता था। मुकेश (25) पुत्र उदयलाल रेगर छह माह पहले ही पिता बना था। वह किराणा व्यापारी था। किशन (45) पुत्र जानकीलाल चतुर्वेदी दो बच्चों का पिता था। छोटा बेटा विमंदित है। पुत्री तलाकशुदा है। रविकांत (30) पुत्र मदन मेवाड़ा तीन बेटियों का पिता था। उसके एक बच्ची छह माह की है। वह रेलवेकर्मी था। इसी प्रकार नारायण (28) पुत्र रामेश्वरलाल बैरवा दो पुत्रियों का पिता था। निजी फाइसेंस कंपनी में कर्मी था और किराणा दुकान भी चलाता था। ये सभी पांचों मृतक बडलियास निवासी थे।

Updated on:
07 Feb 2025 09:37 am
Published on:
07 Feb 2025 09:32 am
Also Read
View All

अगली खबर