ग्राम स्तर पर विशेष शिविर 1 से, टैग वाला पशु ही होगा शामिल
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में बीमा कवरेज का दायरा बड़ा दिया है। इसके तहत जिले में 81 हजार पशुओं के बीमा का लक्ष्य निर्धारित किया है। नि:शुल्क ऑनलाइन बीमा पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गया है। पशुपालक स्वयं अपने मोबाइल से रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। इसके साथ ही 1 दिसंबर से राजस्व ग्राम स्तर पर शिविर आयोजित कर बीमा कार्य किया जाएगा।
अब 22 लाख पशु होंगे शामिल: सरकार के पिछले बजट में 21 लाख पशुओं को बीमा सुरक्षा दी थी जबकि इस वर्ष इसे दोगुना कर दिया है। इसमें 10 लाख दुधारू गाय-भैंस, 10 लाख भेड़-बकरी तथा 2 लाख ऊंट का बीमा किया जाएगा। बीमा का लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेगा। योजना के लिए पशु का टैग पंजीकरण अनिवार्य किया है। रजिस्ट्रेशन मोबाइल एप, आधिकारिक वेबसाइट या ई-मित्र केंद्र के माध्यम से करवा सकते है। इस बार एक जनाधार कार्ड से 1 के बजाए 10 ऊंटों का बीमा करवाया जा सकेगा। ग्राम स्तर पर पशु चिकित्सक व बीमा एजेंट स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करेंगे। पंजीकरण सत्यापन कर बीमा पॉलिसी जारी होगी। बीमा पॉलिसी लागू होने के बाद 21 दिन का ग्रेस पीरियड भी मिलेगा। पशु की मृत्यु पर पोस्टमार्टम की आवश्यकता नहीं होगी। पशु चिकित्सक की ओर से जारी डेथ सर्टिफिकेट के आधार पर ही राशि मिलेगी। दुधारू गाय-भैंस 10 लाख मृत्यु पर बीमा राशि मिलेगी। भेड़-बकरी पर 10 लाख लेकिन पोस्टमार्टम की आवश्यकता नहीं होगी। वही ऊंट पर 2 लाख एक जनाधार से 10 ऊंट का बीमा मिलेगा।
बीमा के लिए आवश्यक दस्तावेज
पहले आओ, पहले पाओ
प्रदेश में पशुपालकों को सामाजिक सुरक्षा देना सरकार की प्राथमिकता है। सभी जिलों में शिविरों के माध्यम से अधिकतम पशु बीमा कवरेज सुनिश्चित किया जाएगा। पशु की मृत्यु पर केवल पशु चिकित्सक का डेथ सर्टिफिकेट पर्याप्त है। पोस्टमार्टम की जरूरत नहीं होगी।
डॉ. एके सिंह, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग भीलवाड़ा