- संयुक्त जांच रिपोर्ट कलक्टर को सौंपी, कार्रवाई के निर्देश - बनास नदी में बिना अनुमति 14 पाइप डालकर रास्ता बनाया
बनास नदी में बिना अनुमति पाइप डालकर रास्ता बनाने और बहते पानी में बजरी खनन करने के मामले में खनिज विभाग ने आकोला के लीजधारक महादेव एंक्लेव प्राइवेट लिमिटेड को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभाग ने लीजधारक से पूछा है कि बहते पानी के दौरान बजरी का दोहन, पिलर न लगाना और नदी में 14 पाइप डालकर अस्थायी रास्ता बनाने जैसी गतिविधियां किस अनुमति से की। विभाग ने शुक्रवार शाम को मामले की संयुक्त जांच रिपोर्ट कलक्टर को सौंप दी, जिस पर कलक्टर ने अधिकारियों को कानून की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने शुक्रवार के अंक में बजरी निकालने के लिए बनाई अस्थाई पुलिया शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। उसके बाद प्रशासन हरकत में आया।
नदी एक, विभाग तीन
बनास नदी को लेकर कार्रवाई की स्थिति कुछ अनोखी है। नदी एक है लेकिन अधिकार तीन विभागों के पास हैं। जल संसाधन विभाग को बहते पानी में छेड़छाड़ पर कार्रवाई का अधिकार। राजस्व विभाग को नदी भूमि पर अधिकार तथा खनिज विभाग को बजरी खनन से जुड़े मामलों की कार्रवाई का अधिकार है। खनिज विभाग ने जांच के दौरान पाया कि लीजधारक ने एलएनटी मशीन का उपयोग किया है। विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एलएनटी को हटवाया और लीजधारक को सिर्फ जेसीबी या एक मीटर तक की छोटी मशीनों के उपयोग की अनुमति देने की शर्त पर पाबंद किया। ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए मांग की कि बजरी मैनपावर से भरी जाए, मशीनों से नहीं।
बिना राजस्व के बनाया रास्ता
संयुक्त जांच में पाया कि नदी के बीच 14 पाइप 1200 एमएम के डालकर रास्ता बनाया था, जबकि इसके लिए राजस्व विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। टीम को मौके पर 16 सीमेंट पाइप पड़े मिले। उल्लेखनीय है कि जिला कलक्टर के निर्देश पर बनी संयुक्त जांच टीम ने गुरुवार को नदी स्थल का निरीक्षण किया था। इस दौरान कई खामियां पाई गईं। नदी तल में पाइप और ग्रेवल-बजरी से बनाई पुलिया, बहते पानी में अवरोध, और माइनिंग प्लान के विपरीत मशीनों का उपयोग करना पाया गया था।