भीलवाड़ा

मुस्लिम परिवार ने भरा हिन्दू भांजी की शादी में मायरा, ब्याह में ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते पहुंचे मामा, देखने उमड़ा पूरा गांव

दुर्गा कंवर के बचपन में माता-पिता का निधन हो गया था और उनका कोई भाई-बहन नहीं था। उस समय जाकिर हुसैन ने वचन दिया था कि वे सगे भाई की तरह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।

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Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र के गांगलास ग्राम पंचायत के सालरमाला गांव में हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल देखने को मिली। मोड़ का निंबाहेड़ा के मुस्लिम परिवार ने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ अपनी हिंदू बहन दुर्गा कंवर राव को मायरा पहनाया। ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते हुए इस रस्म को पूरे उत्साह के साथ निभाया गया। यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई।

दुर्गा कंवर और मुस्लिम परिवार का 20 साल पुराना रिश्ता

सालरमाला गांव के ईंट उद्योगपति शंकर सिंह राव की बेटियों का विवाह समारोह आयोजित किया गया। उनकी पत्नी दुर्गा कंवर राव ने 20 साल पहले मोड़ का निंबाहेड़ा निवासी जाकिर हुसैन रंगरेज को राखी बांधकर अपना भाई माना था। दुर्गा कंवर के बचपन में माता-पिता का निधन हो गया था और उनका कोई भाई-बहन नहीं था। उस समय जाकिर हुसैन ने वचन दिया था कि वे सगे भाई की तरह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।

हर अवसर पर निभाया भाई का धर्म

जब दुर्गा कंवर का विवाह हुआ, तब भी जाकिर हुसैन और उनके परिवार ने हिंदू रीति-रिवाजों के साथ बहन को मायरा पहनाया था। रक्षाबंधन से लेकर हर सामाजिक और पारिवारिक कार्यक्रम में यह परिवार दुर्गा कंवर को अपनी बहन मानकर शामिल होता है। आयोजित विवाह समारोह में भी जाकिर हुसैन ने अपना वचन निभाते हुए मायरा लाने की रस्म पूरी की।

विवाह निमंत्रण में किया गया उल्लेख

इस विवाह के लिए तैयार किए गए निमंत्रण पत्र में भी शंकर सिंह राव ने मोड़ का निंबाहेड़ा के मुस्लिम परिवार द्वारा मायरा लाने का विशेष उल्लेख किया। देशभर में यह शादी केवल एक पारिवारिक आयोजन नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक बन गई।

धूमधाम से निभाई गई रस्म

मोड़ का निंबाहेड़ा से जाकिर हुसैन रंगरेज, हाजी हनीफ मोहम्मद, गुलाम नबी, शेरु मोहम्मद, पीरु मोहम्मद और अन्य सदस्य मायरा लेकर पहुंचे। वे ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते हुए सालरमाला गांव आए और अपनी हिंदू बहन दुर्गा कंवर को मायरा पहनाया। गांव में इस रस्म को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।

बहन और ग्रामीणों ने किया स्वागत

दुर्गा कंवर और उनके परिवार ने मुस्लिम भाइयों का माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। इस आयोजन में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों ने मिलकर शादी की खुशियां बाटीं।

मायरे में दिए गए उपहार

मायरे के दौरान मुस्लिम परिवार ने बहन दुर्गा कंवर राव को ₹21,000 की नकद राशि, चांदी के पायजम, बिछुड़िया, कपड़े और अन्य सामग्री भेंट की। वहीं, उनके पति शंकर सिंह राव को भी ₹11,000 दिए गए। यह मायरा एक सामाजिक समरसता और आपसी प्रेम का संदेश बन गया।

Updated on:
23 Jan 2025 04:37 pm
Published on:
23 Jan 2025 03:54 pm
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