- शिकायत मिलने पर तुरन्त होगी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई - परिणाम जारी होने के बाद की गई शिकायत मान्य नहीं होगी - माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने जारी किए सख्त निर्देश
राज्य के सरकारी व निजी माध्यमिक विद्यालयों में आयोजित होने वाली प्रायोगिक परीक्षाओं, निरीक्षणों और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर सीताराम जाट ने प्रदेशभर के सभी स्कूलों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करते हुए ‘नो गिफ्ट–नो गेस्ट’ नीति लागू कर दी है। अब प्रायोगिक परीक्षाओं की संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है।
निदेशालय की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार प्रायोगिक परीक्षा, निरीक्षण, विद्यालय मान्यता व क्रमोन्नति से जुड़े सभी कार्यों में किसी भी प्रकार की स्वागत-सत्कार, मेहमाननवाजी, उपहार, होटल में ठहराने, भोजन व्यवस्था अथवा अन्य सुविधाएं देने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि किसी विद्यालय, संस्था प्रधान या शिक्षक की ओर से इन निर्देशों का उल्लंघन किया गया तो उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए अब केवल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को ही बाह्य परीक्षक के रूप में लगाया जाएगा। निजी विद्यालयों के शिक्षकों को किसी भी स्तर पर बाह्य परीक्षक नहीं बनाया जाएगा।
परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रायोगिक परीक्षा सम्पन्न होने वाले दिन ही छात्रों के प्राप्तांक का विवरण माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर को अनिवार्य रूप से भेजा जाएगा। साथ ही, नियुक्त निरीक्षकों को उसी दिन या अगले कार्यदिवस तक अपनी निरीक्षण रिपोर्ट उच्च पुष्टि अधिकारियों को भेजनी होगी।
नियुक्ति से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी अधिकारी, कर्मचारी या परीक्षक का निकट संबंधी संबंधित परीक्षा केंद्र से जुड़ा न हो। यदि ऐसा पाया गया तो संबंधित के खिलाफ तत्काल कार्रवाई कर अनुशासनात्मक प्रस्ताव भेजा जाएगा।
परिपत्र में यह भी कहा गया है कि प्रायोगिक परीक्षा से जुड़ी किसी भी प्रकार की शिकायत परीक्षा से पूर्व या परीक्षा के दौरान ही बोर्ड को ई-मेल या नियंत्रण कक्ष के दूरभाष पर दी जानी होगी। परिणाम घोषित होने के बाद प्राप्त शिकायतों पर विचार नहीं किया जाएगा और उन्हें दुर्भावनापूर्ण माना जाएगा। निदेशालय ने संभागीय संयुक्त निदेशकों व जिला शिक्षा अधिकारियों को इन निर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित कराने के आदेश दिए हैं। किसी भी स्तर पर उल्लंघन मिलने पर दोषियों पर तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।