प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने तय की समय-सीमा, रिपोर्ट में देरी पर अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी होगा
प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने शिक्षा मंत्री कार्यालय से प्राप्त शिकायतों और प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आदेश में जांच दल के गठन, रिपोर्ट प्रस्तुति और पात्र अधिकारियों की भूमिका को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। अब शिकायतों पर कार्रवाई में देरी को गंभीरता से लिया जाएगा। यदि कोई अधिकारी जांच रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत नहीं करता है तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुमार ने आदेश में कहा कि अब हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी। समय सीमा का पालन नहीं करने पर व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी भी तय की जाएगी। वही जांच दल में केवल उन्हीं अधिकारियों को शामिल किया जाएगा जिनकी सेवा समाप्ति में छह माह से अधिक शेष हो और जिन पर पूर्व में कोई भ्रष्टाचार प्रमाणित नहीं हुआ हो। स्कूल खोलने, बंद करने, क्रमोन्नति और निजी स्कूलों से जुड़े मामलों में भी निस्तारण की समय-सीमा तय कर दी गई है।
जांच दल में यह होंगे शामिल
जांच दल में सीबीईओ या प्रधानाचार्य। प्रशासनिक या अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी। लेखाधिकारी को शामिल किया जाएगा।
इनकी करनी होगी पालना
यह होगी समय सीमा
शिक्षा विभाग में आएगी पारदर्शिता
यह नई व्यवस्था शिक्षा विभाग में उत्तरदायित्व, पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। इससे हजारों लंबित प्रकरणों के शीघ्र समाधान की उम्मीद बंधी है।
डॉ. रामेश्वर प्रसाद जीनगर, सीबीईओ सुवाणा