
Future nation-building will be possible only through scientific thinking.
बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित किए बिना मजबूत राष्ट्र का निर्माण संभव नहीं है। जब शिक्षक बच्चों में तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करेंगे, तभी वे भावी राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे। यह विचार मावली विधायक पुष्कर डांगी ने राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के राज्य स्तरीय शैक्षिक अधिवेशन में व्यक्त किए। यह अधिवेशन राजस्थान विद्यापीठ, डबोक में हुआ।
समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री व कांग्रेस जिलाध्यक्ष रघुवीर मीणा ने कहा कि राज्य का शिक्षा विभाग सकारात्मक पहल करने में विफल रहा है। यदि शिक्षक कर्मशील बनकर बच्चों का समग्र निर्माण करें, तभी प्रदेश और देश आगे बढ़ सकता है।
अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे विद्यापीठ के कुलाधिपति भंवरलाल गुर्जर ने कहा कि शिक्षक बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित करने की अहम भूमिका निभाता है। मेहनत में कोई कमी नहीं छोड़ने के बावजूद शिक्षक का सम्मान विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के प्रोफेसरों की तुलना में कम है। पूर्व विधायक त्रिलोक पूर्बिया ने कहा कि यदि शिक्षक ईमानदारी से बच्चों के चरित्र निर्माण की जिम्मेदारी निभाएं, तो देश निश्चित रूप से प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा ने कहा कि संगठन शिक्षकों की सेवारत मांगों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहा है, लेकिन सरकार की शिक्षा के प्रति नकारात्मक कार्यशैली से शिक्षक वर्ग पीड़ित है। प्रदेश महामंत्री धर्मेंद्र गहलोत ने वेतन विसंगति, सेवारत मांगों की अनदेखी और एसआइआर में बीएलओ की मौत पर सरकार के कठोर रवैए को निंदनीय बताया। अधिवेशन में शिक्षकों ने एक स्वर में शिक्षा व्यवस्था में सुधार, सम्मान और अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
अधिवेशन को कुलपति शिव सिंह सारंगदेवोत, जिला महासचिव एवं संरक्षक श्यामलाल आमेटा, सभाध्यक्ष धुलीराम डांगी, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष लच्छीराम गुर्जर ने सम्बोधित किया। अधिवेशन में भीलवाड़ा से जिलाध्यक्ष अशोक जीनगर, जिला मंत्री नलिन शर्मा सहित 101 शिक्षकों ने भाग लिया। आभार जिला मंत्री विजय कुमार आमेटा ने व्यक्त किया। संचालन जिलाध्यक्ष एवं संयोजक नरेंद्र कुमार आमेटा ने किया।
Updated on:
21 Dec 2025 09:12 am
Published on:
21 Dec 2025 09:11 am
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