सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक परिवर्तन की संभावना
शनि ग्रह आगामी 13 जुलाई से वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे। यह स्थिति 28 नवम्बर तक रहेगी। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से शनि का वक्री होना कई क्षेत्रों में गंभीर प्रभाव डाल सकता है। यह समय काल समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था में अहम बदलावों का संकेत देता है। शनि का वक्री होना न्याय, अनुशासन और व्यवस्था से जुड़े मामलों में देरी, असंतुलन या पुनर्विचार की स्थिति ला सकता है। यह समय पुरानी नीतियों के पुनरावलोकन, नेतृत्व परिवर्तन या आर्थिक नीति परिवर्तनों के लिए उपयुक्त माना जा सकता है। शनि अभी मीन राशि में चल रहे हैं। मीन में ही वक्रकाल रहेगा।
पंडित अशोक व्यास का मानना है कि शनि के वक्री होने से अलग-अलग प्रकार से सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक परिवर्तन दिखाई देंगे। प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी कहीं भूस्खलन व हिमस्खलन की स्थिति दिखाई देगी, धर्म अध्यात्म से जुड़े लोगों के लिए कुछ स्थानों पर परीक्षा की घड़ी रहेगी।