- अच्छे मानसून से किसान खुशाल, लक्ष्य के मुकाबले साठ फीसदी बुवाई
खरीफ की पैदावार से घाटे में रहे किसानों को अब रबी की फसलों से आस बंधी है। जिले में लक्ष्य के मुकाबले अब तक गेहूं की 30 फीसदी यानी 55 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हो चुकी है। रबी की सभी फसलों को मिलाकर बुवाई का आंकड़ा लक्ष्य के मुकाबले 60 फीसदी तक पहुंच गया है। जिले के किसानों को इस बार रबी फसलों की बंपर पैदावार की उम्मीद है।
जिले में इस वर्ष रबी सीजन की बुवाई किसानों के लिए उम्मीद भरी साबित हो रही है। पिछले दिनों हुई बारिश ने खरीफ फसलों में भले ही नुकसान किया। लेकिन रबी फसलों की बुवाई के लिए फायदेमंद रही। आगामी दिनों में मावठ होने पर जिले में रबी की अच्छी पैदावार की उम्मीद जगी है। किसानों ने इस बार भी गेहूं, जौ, सरसों और चना की बुवाई में रूचि दिखाई है। हालांकि कुछ फसलों की बुवाई अब तक लक्ष्य के मुकाबले कम है। इस बार सर्वाधिक बुवाई गेहूं की होने की उम्मीद है। कृषि विभाग के अनुसार अब तक जिले में रबी की बुवाई का 60 फीसदी लक्ष्य पूरा हो चुका है। जबकि कई प्रमुख फसलों की लक्ष्य से अधिक बुवाई होने की उम्मीद है। संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार विनोद कुमार जैन ने बताया कि इस बार जिले में 3 लाख 64 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई का लक्ष्य रखा है। इसके मुकाबले अब तक 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बुवाई हो चुकी है। जो लक्ष्य के मुकाबले 60 प्रतिशत है। जैन ने बताया कि जिले में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य 1 लाख 75 हजार हैक्टेयर है। इसके मुकाबले 55 हजार 310 हैक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई हो चुकी है। जो लक्ष्य के मुकाबले 35 प्रतिशत है। चना की बुवाई का लक्ष्य 1 लाख हैक्टेयर है। इसके मुकाबले 60 हजार 200 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है, जो लक्ष्य के मुकाबले 60 प्रतिशत है। सरसों की बुवाई का लक्ष्य 50 हजार 100 हैक्टेयर है और अब तक जिले में 51 हजार हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है, जो लक्ष्य के मुकाबले शत प्रतिशत है। कृषि अधिकारी के अनुसार सरसों, तारामीरा, मसूर, दलहन, अलसी समेत अन्य फसलों की बुवाई हो चुकी है। जबकि गेहूं व जौ की बुवाई चल रही है जो दिसंबर तक चलेगी।
गेहूं के लिए उपयुक्त समय
विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं की बुआई दिसंबर तक जारी रहती है, ऐसे में आने वाले दिनों में यह क्षेत्र बढ़ने की पूरी संभावना है। किसान मौसम की स्थिति को देखते हुए धीरे-धीरे रकबा बढ़ा रहे है। कृषि विशेषज्ञों का कहना हैं कि अगर मौ सम विपरीत नहीं हुआ और सिंचाई के लिए बारिश होती है तो क्षेत्र में चना, सरसों की फसलों का उत्पादन उम्मीद से बेहतर रहने की संभावना है।