डीजीजीआई की दो दिनी कार्रवाई में मोबाइल, लेपटॉप और अहम दस्तावेज जब्त
डायरेक्ट्रेट जनरल जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की जयपुर जोनल यूनिट ने भीलवाड़ा में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक सरिया कम्पनी की ओर से की गई 29 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी का खुलासा किया है। कम्पनी मालिक ने अपराध स्वीकार करने के बाद 20 करोड़ रुपए मौके पर ही जमा कराए, जबकि शेष राशि की जांच अब भी जारी है।
चार ठिकानों पर दबिश
डीजीजीआई के पांच दर्जन से अधिक अधिकारियों ने दो दिन तक कार्रवाई करते हुए गांधीनगर स्थित कार्यालय, जाटों का खेड़ा में दो आवास और समौड़ी चौराहा स्थित सरिया फैक्ट्री व गोदाम पर छापे मारे। कार्रवाई के दौरान मोबाइल फोन, लेपटॉप, कंप्यूटर, बही-खाते, फर्जी बिल और ई-वे बिल से जुड़े अहम दस्तावेज जब्त किए गए।
फर्जी चालानों से करोड़ों का खेल
जांच में सामने आया कि सरिया कम्पनी ने फर्जी चालानों और बोगस बिलिंग के जरिए करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी कर सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया। कम्पनी का कर बकाया 28.70 करोड़ रुपए पाया गया। अधिकारियों ने जब यह टैक्स सामने रखा तो कम्पनी मालिक ने तुरंत स्वीकार कर लिया और राशि अन्य व्यापारियों से इकट्ठा कर जमा कराई।
महावीर ट्रेडिंग से जुड़ा नेटवर्क
डीजीजीआई जांच में खुलासा हुआ कि कम्पनी ने महावीर ट्रेडिंग कम्पनी से फर्जी बिलिंग और गुप्त क्लियरेंस सेवाएं ली थीं। वास्तविक माल आपूर्ति को छिपाते हुए फर्जी चालानों से माल परिवहन कर बाहर भेजा गया और टैक्स चोरी कर अवैध कमाई की गई। गौरतलब है कि महावीर ट्रेडिंग सिंडिकेट पर पहले 706 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का मामला उजागर हो चुका है। इसमें 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।
कार्रवाई की प्रमुख बातें