फर्जी रॉयल्टी रसीद में गड़बड़झाला मामले में पत्रिका की खबरों पर डीएमजी की मोहर
Bhilwara news :खान निदेशक भगवती प्रसाद ने निर्माण के बाद रॉयल्टी शुल्क की एनओसी जारी करने के मामले को गंभीरता से लेने को कहा। उन्होंने आदेश दिया कि फाइल की जांच के बाद ही एनओसी जारी होगी। इससे पहले भौतिक सत्यापन करें। इसमें लापरवाही बरतने व भौतिक सत्यापन करने वाले कार्मिक पर कार्रवाई की जाएगी। अन्य जिलों से आने वाली रॉयल्टी रसीदों की बिना भौतिक सत्यापन के एनओसी जारी नहीं होगी। एनओसी व भौतिक सत्यापन जारी करने वाले कार्मिक की जिम्मेदारी तय कर दी है।
डीएमजी ने उठाए कदम
राजस्थान पत्रिका ने फर्जी रवन्ना पर्ची का मामला उजागर किया। पत्रिका ने 9 अगस्त को गड़बड़झाला: असेसमेंट के नाम पर फर्जी रवन्ना पर्ची का खेल, 11 अगस्त को रॉयल्टी असेसमेंट की फाइलों की गहनता से जांच पर मिल सकती गडबडियां, 22 अगस्त को असेसमेंट के नाम पर खेल, बाजार में छपवा पेश कर रहे रॉयल्टी पर्चियां, 24 अगस्त को 30 रुपए टन की दर से बेचते हैं ब्यावर की रायल्टी पर्ची तथा डीएमजी ने खनिज अभियन्ताओं से पूछा-कहां हो रहा ऐसा काम...प्रकाशन के बाद खान निदेशक ने इस मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट अधीक्षण खनिज अभियन्ता भीलवाड़ा ओपी काबरा से रिपोर्ट मांगी।
जारी किए आदेश
डीएमजी ने 25 अगस्त को प्रदेश के खनिज अभियंता व सहायक खनिज अभियंता को निर्देश दिए कि वे राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियमावली, 2017 के नियम 51 के तहत निर्माण विभागों को जारी अल्पावधि अनुमति पत्रों में अनापत्ति प्रमाण-पत्रों, अदेय प्रमाण-पत्रों व अधिशुल्क निर्धारण के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को गंभीरता से लेते काम करें। आदेश में राजस्थान पत्रिका के भीलवाड़ा संस्करण में प्रकाशित समाचार का भी उल्लेख किया है।
अब तक यह गड़बड़ी
खनिज विभाग से एनओसी लेने के लिए ठेकेदार रॉयल्टी रसीदें अन्य जिलों की पेश कर रहे थे जबकि वहां से मिनरल नहीं आता है। केवल रॉयल्टी पर्ची लेकर फाइल में लगा देते हैं। इससे कर्मचारी के साथ ठेकेदार को फायदा होता है तो विभाग को आर्थिक नुकसान। इसे रोकने को एनओसी देने से पहले दूसरे जिले की रॉयल्टी रसीदों का भौतिक सत्यापन होगा।
इनकी करनी होगी पालना