सावन मास का पहला सोमवार 14 जुलाई को मनाया जाएगा
सावन मास वह दिव्य कालखंड है जब संपूर्ण सृष्टि शिवमय हो जाती है। वर्षा की हर बूंद मानो गंगाजल बनकर शिवलिंग पर अर्पित होती है और चारों दिशाओं में ॐ नमः शिवाय की गूंज होती है। यह महीना केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, आत्मसमर्पण और शिवभक्ति की एक गहन अनुभूति है। इस मास में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव को प्रसन्न करने का अत्यंत प्रभावशाली और शुभ माना जाता है। सावन मास का पहला सोमवार 14 जुलाई को मनाया जाएगा। इसे लेकर हरणी महादेव में विशेष तैयारी की जा रही है। सावन में सोमवार को विशेष महत्व होने के कारण दिन भक्तों की कतार लगी रहेगी।
सावन मास में रुद्राभिषेक का महत्व
पंडित अशोक व्यास ने बताया कि रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान शिव के रौद्र रूप का विधिपूर्वक अभिषेक करना। इसमें जल, दूध, शहद, घी, गंगाजल से पंचामृत बनाकर शिवलिंग को स्नान कराया जाता है। यह केवल एक पूजा विधि नहीं, बल्कि शिव से जुड़ने की एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है।
सावन में रुद्राभिषेक के श्रेष्ठ दिन