MP Tourism: नवंबर से ऊंट सफारी शुरू हो सकती है। रोमांचक सफर में पर्यटक डॉल्फिन-घड़ियाल देख सकेंगे। टिकट का प्राइस भी किया गया तय।
Camel safari: भिण्ड के अटेर क्षेत्र को टूरिज्म के लिहाज से विकसित करने ऊंट सफारी की शुरुआत नवंबर महीने में हो सकती है। पर्यटन विभाग (mp tourism) ने सफारी के संचालन करने के लिए समिति गठित कर दी है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सफारी का प्रोजेक्ट अंतिम चरण में है। भोपाल से स्वीकृति मिलते ही अटेर में सैलानी ऊंटों की सैर कर सकेंगे।
बता दें कि, अटेर में ऊंट सफारी के लिए 10 से 11 ऊंट समिति खरीदेगी। यह ऊंट किले (Ater fort) से अपनी सैर शुरू करेंगे और चंबल नदी (Chambal River) तक पर्यटकों को सैंक्चुरी का भ्रमण कराते हुए डॉल्फिन और घड़ियालों का सुंदर नजारा दिखाएंगे। करीब तीन किमी का भ्रमण कराने के बाद पर्यटकों को ऊंट वापस किले तक छोड़ेगा। प्रति टूरिस्ट ऊंट की बुकिंग का टिकट 500 रुपए रखा गया है, जिसमें समिति और ऊंट मालिक को हिस्सेदारी दी जाएगी। वन विभाग ने तैयारी कर ली है। अनुमति मिलते ही सफारी शुरु की जाएगी।
अटेर में करीब पांच हजार हेक्टेयर में वनक्षेत्र है। जनप्रतिनिधि ध्यान दें तो वन्य जीव अभ्यारण्य बनाया जा सकता है। चंबल के बीहड़ से लगी इटावा की लॉइन सफारी देखने के लिए बड़ी संया में टूरिस्ट पहुंचते हैं। इटावा की तरह अटेर में पर्याप्त बीहड़ है। यहां भी बड़े पार्क विकसित करके क्षेत्र को समृद्ध बनाया जा सकता है।
चंबल में ऊंट सफारी को वन विभाग ने शुरु करने का प्रस्ताव ढाई साल पूर्व तैयार किया गया था। साल 2024 में सफारी शुरु होनी थी, लेकिन समिति का गठन न होने के कारण सफारी का प्रोजेक्ट पिछड़ गया। अधिकारियों का कहना है कि ऊंट सफारी को चालू करने की सभी जरूरतों को पूरा कर लिया गया है। लेकिन विभागीय अनुमति न मिलने के कारण देरी हो रही है। सर्दी के मौसम में टूरिस्ट अटेर पहुंचते हैं। चंबल पुल चालू होने के बाद अटेर में आगरा, मथुरा और दिल्ली तक के पर्यटक आने लगेंगे।
समिति, टिकट और ऊंटों की संया तय कर ली है। विभागीय अनुमति के लिए प्रस्ताव गया है। इस महीने अनुमति मिल सकती है, जिसके बाद सफारी को शुरु किया जाएगा।- बसंत शर्मा, रेंजर, वन विभाग भिण्ड