MP News: दिल्ली के अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही 5 साल की कविश के इलाज के लिए सुनारपुरा और अछाई गांव एकजुट हो गए। ग्रामीणों ने 22 क्विंटल अनाज बेचकर 30 हजार जुटाए।
Kavish Bhadauria Treatment: दिल्ली के निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही पांच साल की मासूम कविश का जीवन बचाने के लिए भिंड के सुनारपुरा और अछाई गांव के ग्रामीण सामने आए हैं। गुरुवार को दोनों गांव की पंचायत ने निर्णय लिया कि सभी ग्राम वासी पीडीएस से मिलने वाले राशन को बेचकर सहयोग देंगे। मासूम को नया जीवन देने 22 क्विंटल गेहूं और चावल एकत्रित किया गया, जिसे बेचकर 30 हजार रुपए की सहयोग राशि पीड़ित के पिता को सौंपी है। (MP News)
कविश का दिल्ली में गुरुवार को सिर का एक ऑपरेशन हुआ है। डॉक्टरों के अनुसार उसे चौबीस घंटे में होश आएगा। रिकवर होने पर चार दिन बाद दूसरा ऑपरेशन होगा। निजी अस्पताल में इालज का खर्च जुटाने के लिए ग्रामीणों की मानवीयता पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी है। गांव के रिपुसूदन सिंह (पिल्लू) ने बताया कि उन्होंने बच्ची की मदद के लिए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी और ऑनलाइन सहायता के लिए एक क्यूआर कोड भी लगाया गया। जिससे लोगों ने करीब एक लाख रुपए तक की मदद की।
बता दें अछाई गांव के धर्मेंद्र भदौरिया की 5 साल की बेटी कविश भदौरिया चार दिन पहले खेलते समय मकान की छत से गिर गई थी। सिर के बल गिरने से उसे गंभीर हालत में परिजन ग्वालियर लेकर पहुंचे थे, जहां से डॉक्टर ने उसकी हालत नाजुक बताते हुए दिल्ली रेफर कर दिया। सोशल मीडिया से लेकर ग्रामीण इलाकों में कविश को बचाने के लिए लोग सामने आने लगे।
एक लाख रुपए की नकद राशि पीड़िता के पिता के खाते में डाली गई है, लेकिन यह राशि इलाज में पर्याप्त नहीं थी। पांच लाख से अधिक उपचार में खर्च होना है, लेकिन पिता की आर्थिक हालत इतनी अच्छी नहीं है। बेटी का जीवन सुरक्षित करने गांव के सोनू भदौरिया, विमला देवी, किशनदत्त सरपंच, शैलेन्द्र सिंह, रनछोड़ सिंह, धर्मसिंह, राजपाल सिंह, नागेंद्र सिंह, बेटू, विकास, रिंकू, छोटू भदौरिया, सतीश प्रजापति, अरविंद कुशवाह सहित पूरे गांव के लोगों ने मिलकर सहयोग किया। (MP News)