मप्र ने केंद्रीय करों में 48% की हिस्सेदारी मांगी है। अभी केंद्र सरकार 41 फीसद दे रहा है। बैठक के बाद आयोग अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और सदस्य मीडिया से रूबरू हुए।
MP News : मध्यप्रदेश प्रवास पर आए 16वें वित्त आयोग(16th Finance Commission) ने लगातार दो दिन मैराथन बैठकें कीं। इसमें कैग अफसर, राज्य के अफसरों और मंत्रियों से चर्चा की। सीएम की मौजूदगी में गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से आयोग के समक्ष प्रजेंटेशन दिया। मप्र ने केंद्रीय करों में 48% की हिस्सेदारी मांगी है। अभी केंद्र सरकार 41 फीसद दे रहा है। बैठक के बाद आयोग अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और सदस्य मीडिया से रूबरू हुए।
राज्यों में मुफ्त की योजनाओं के सवाल उन्होंने पहले टाले, फिर अधिकार क्षेत्र से बाहर बता कुछ कहने से मना किया। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि अधिकांश राज्य सरकारें फ्री-बिज स्कीम को बढ़ावा दे रही हैं। इस कहा कि आयोग ने इस मामले में बातचीत नहीं की है। सभी सदस्य बैठकर अंतिम निर्णय लेंगे, तभी कुछ कहा जा सकता है।
सीएम डॉ. मोहन याद(CM Mohan Yadav)व ने आयोग से कहा, विकसित भारत के लक्ष्य के लिए प्रदेश उद्योग धंधे बढ़ा खुद को विकसित करने पर जोर देर रहा है। महिला, किसान, गरीब और युवा मिशन शुरू किए हैं। इनमें केंद्र से अधिक वित्तीय मदद की जरूरत है।
● प्रति व्यक्ति आय कम, एसटी-एसी और गरीबी का उच्च स्तर हैं, उन्हें क्षतिपूर्ति दें।
● एसटी-एससी जनसंख्या से 10% एवं आय के आधार पर 40% और गरीबी सूचकांक के आधार पर 5%आर्थिक मदद मिले।
● केंद्र से कर हस्तांतरण बढ़े। 15वें वित्त आयोग में 53 एवं 14वें वित्त आयोग में 62 प्रतिशत रहा।
केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ाने के सवाल पर वित्त आयोग अध्यक्ष पनगढ़िया ने कहा कि प्रस्ताव मिला है। इस पर आयोग विचार करेगा। मध्यप्रदेश 20वां राज्य है, जहां आयोग ने दौरा कर सुझाव लिए हैं। राज्य सरकार के प्रजेंटेशन से पता चलता है कि 15 साल में कृषि और दूसरे सेक्टरों में कैसे छलांग लगाई है।