भोपाल के राजा के लिए मथुरा के कारीगर तैयार करेंगे 551 किलो छप्पन भोग
- चांदी के सिंहासन पर होंगे विराजमान, शहर में यहीं से हुई थी गणेश उत्सव की शुरुआतइस बार गणेश उत्सव में कब क्या
- 7 सितंबर गणेशजी की झांकी स्थापना- 11 सितंबर छप्पन भोग
-12 सितंबर फल महोत्सव-13 सितंबर लड्डू उत्सव
भोपाल. राजधानी के पीपल में विराजमान होने वाले भोपाल के राजा शहर के प्रथम गणेश है। शहर में सार्वजनिक रूप से गणेश उत्सव मनाने की परंपरा यहीं से शुरू हुई थी। इस बार गणेश उत्सव में भोपाल के राजा को 551 किलो छप्पन भोग और 351 किलो लड्डुओं का महाभोग लगाया जाएगा। यह भोग शुद्ध देशी घी में मथुरा और बांदा के 12 कारीगर तैयार करेंगे।डोल ग्यारस चल समारोह समिति की ओर से यहां भगवान गणेश की स्थापना की जाती है। यहां भगवान गणेश के साथ-साथ रिदि्ध सिदि्ध, शुभ लाभ सहित उनका पूरा परिवार विराजमान होता हैं। 1947 में कुछ लोगों ने पहली बार यहां सार्वजनिक रूप से भगवान गणेश की स्थापना की। तब से हर साल विधि विधान से भगवान गणेश् की स्थापना की जाती है।कई व्यापारी अर्पित करते हैं चांदी
यहां विराजमान होने वाले भगवान गणेश शहर के सबसे अमीर है। यहां गणेशजी के लिए चांदी का सिंहासन, चांदी की चौकी, खड़ाऊ, मुकुट, हाथ के कड़े सहित अन्य सामग्री है, जो चांदी से बनी हुई है। हर साल चांदी के सिंहासन पर भगवान गणेश की स्थापना की जाती है। इसके आसपास सराफा बाजार भी है, इसलिए कई व्यापारी यहां भगवान की सामग्री के लिए चांदी भी अर्पित करते हैं।
लड्डू उत्सव, छप्पन भोग सहित अन्य उत्सवडोल ग्यारस चल समारोह समिति की ओर से गणेश उत्सव के तहत हर साल परम्परा अनुसार उत्सव मनाए जाते हैं। समिति के कोषाध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने बताया कि इस दौरान परम्परानुसार विभिन्न उत्सव होंगे। इस दौरान छप्पन भोग, लड्डू उत्सव आदि होगा। झांकी स्थल पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।