भोपाल से इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, बालाघाट या फिर नर्मदापुरम जाने के लिए अब बसाें का इंतजार लंबा हो गया है। क्योंकि इन रूट पर चलने वाली यात्री बसें आधे से भी कम रह गयी हैं।
Buse Closed : भोपाल से इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, बालाघाट या फिर नर्मदापुरम जाने के लिए अब बसाें का इंतजार लंबा हो गया है। क्योंकि इन रूट पर चलने वाली यात्री बसें आधे से भी कम रह गयी हैं। अस्थाई और स्थाई परमिट(Bus Permit) की आड़ में यात्रियों से बेजा वसूली और भ्रष्टाचार के चलते न्यायालय के निर्देश पर परिवहन विभाग ने अस्थाई परमिट बनाने बंद कर दिए हैं। बस ऑपरेटर मुनाफे वाले रूट पर अस्थाई परमिट लेकर मनमानी वसूली कर रहे थे। परमिट नहीं मिलने के बाद लगभग 50 फीसदी बसें खड़ी हो गई हैं जिसके चलते यात्रियों को अब मंजिल तक पहुंचने खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। जो बसें चल रही हैं उनमें दोगुना तक किराया वसूला जा रहा है।
एक महीने से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन के प्राइवेट बस ऑपरेटर प्राइम रूट पर चलने वाली बसों के परमिट(Bus Permit) के नाम पर आपस में उलझे हुए थे। एक ही रूट पर कई बस ऑपरेटर एक के पीछे एक अपनी यात्री बसों का संचालन कर रहे थे जिसके चलते यात्रियों से मनमानी वसूली की होड़ मची हुई थी। परिवहन विभाग ने इस मामले में उच्च न्यायालय में दायर याचिका का हवाला देते हुए ऐसे बस ऑपरेटरों के अस्थाई परमिट नवीनीकरण का कार्य बंद कर दिया है।
इसका असर यह हुआ कि भोपाल से इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, बालाघाट, उज्जैन, नर्मदापुरम, सीहोर, रायसेन के लिए चलने वाली यात्री बसों की संख्या में 50 प्रतिशत तक गिरावट आ गई है। आइएस बीटी, नादरा, हलालपुरा, पुतलीघर बस स्टैंड पर गुरुवार को आधी संख्या में बसों का संचालन हुआ। प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने कहा कि परिवहन विभाग बगैर परमिट(Bus Permit) बसों का संचालन करने पर उन पर भारी जुर्माना लग रहा है जिसके चलते उन्होंने अपने वाहन खड़े कर दिए हैं।
शहर में सामान्य यात्री बस, वॉल्वो और इलेक्ट्रिक बस चलने वाली निजी कंपनियाें के वाहन ही अब चल रहे हैं। भोपाल से प्रतिदिन 300 से ज्यादा यात्री बसों को अनेक शहरों के लिए रवाना किया जाता है। गुरुवार को इनमें से लगभग 175 गाड़ियां बस स्टैंड पर ही खड़ी मिलीं। बाकी बसों का संचालन मनमानी किराया वसूली के साथ दिनभर चलता रहा। यात्रियों ने बताया कि भोपाल से नर्मदापुरम जाने के लिए सामान्य यात्री बस में 70 रुपए का किराया देना होता था जो गुरुवार को 120 रुपए कर दिया गया।
मकर संक्रांति, वैवाहिक मुहुर्त होने से इन दिनों यात्रियों का बसों में ट्रैफिक तीन गुना तक बढ़ गया है। यात्रियों की संख्या के मुकाबले बसों की संख्या में अचानक आई गिरावट से संकट पैदा हो गया है।
न्यायालयीन प्रकरण की आड़ में परिवहन विभाग ने यात्री बसों के रूट परमिट नवीनीकरण बंद कर दिए हैं। जब तक इन्हें जारी नहीं किया जाता तब तक बसों का संचालन करने में असमर्थ रहेंगे। एसोसिएशन से जुड़े ऑपरेटर संचालित बसों में स्वीकृत किराया ही वसूल रहे हैं। -गोविंद शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, प्राइवेट बस ऑनर्स एसोसिएशन
इस मामले में शासन स्तर पर प्रकरणाें पर विचार किया जा रहा है। शासन के नए निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की जा सकेगी। -जितेंद्र शर्मा, आरटीओ