भोपाल

काम करवाने के बदले आपको नहीं देनी पड़ेगी रिश्वत, अब सरकार देगी घूस

MP Government: अब अगर आपके काम को पूरा करने के लिए कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगे तो आपको अपनी जेब खाली नहीं करनी पड़ेगी, मोहन सरकार इस काम के लिए अब खुद घूस देगी, घूस के इस पैसे के लिए लोकायुक्त के पास रिवॉल्विंग फंड का इंतजाम किया जाएगा, patrika.com पर पढ़ें क्या है रिवॉल्विंग फंड और मध्य प्रदेश सरकार की क्या है तैयारी...

2 min read
Nov 20, 2024

MP government Will give Bribe: यदि आप कोई बिजनेस करना चाहते हैं या सरकारी कोई काम कराना चाहते हैं और किसी अफसर ने रिश्वत मांग ली… आप उसे लोकायुक्त के जरिए पकड़वा तो सकते हैं, लेकिन घूस की जो रकम आप देंगे, वह केस खत्म होने पर ही आपको वापस मिलेगी। इसमें 5 से 7 साल भी लग जाएंगे।

मध्य प्रदेश में इस साल लोकायुक्त के हत्थे चढ़े 130 भ्रष्टाचारियों के फेर में पीड़ितों के 75 लाख रुपए फंसे हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। भ्रष्टों की मांग पर अब आपको जेब से पैसा नहीं निकालना होगा। यह फंड सरकार देगी।

सरकार लोकायुक्त के लिए अलग से (रिवाल्विंग) फंड बनाने जा रही है। इसमें 45 से 50 लाख रुपए रहेंगे। पीडि़त की शिकायत पर भ्रष्टाचारी अफसर-कर्मी की मांग के अनुसार घूस की रकम लोकायुक्त देगी। फिर कार्रवाई कर जब्त करेगी। इससे पीडि़तों की कमाई बरसों लोकायुक्त और कोर्ट के चक्कर में नहीं फंसेगी। घूसखोरों को पकड़वाने लोग आगे आएंगे। लोकायुक्त ने प्रस्ताव बनाकर सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है।

इन राज्यों में ऐसी है व्यवस्था

राजस्थान: यहां एसीबी भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करती है। पीडि़तों को राहत देते हुए राज्य सरकार ने 2021 में 1 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड बनाया। बाद की सरकार ने भी इस फंड को जारी रखा।

उत्तराखंड: यहां भ्रष्टों पर विजिलेंस विभाग कार्रवाई करता है। पीडि़तों के रुपए फंसने पर सरकार ने 2022 में दो करोड़ के रिवॉल्विंग फंड की व्यवस्था की।

हरियाणा: स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के प्रस्ताव को नवंबर 2022 में सरकार ने मंजूरी दी। भ्रष्टों पर कार्रवाई के लिए 1 करोड़ के रिवॉल्विंग फंड की तैयारी।

नई व्यवस्था क्यों, इन दो केस से समझिए

केस - 1- एक साल से किसान के 20 हजार अटके

जबलपुर में शहपुरा भिटौरी के अर्जुन साहू की जमीन का सीमांकन होना था। पटवारी ने 30 हजार रुपए मांगे। 20 हजार में सौदा हुआ। अर्जुन ने रुपए दिए और लोकायुक्त ने पटवारी को ट्रैप कर लिया। ये 20 हजार रुपए एक साल से फंसे हैं। अब तक अर्जुन को नहीं मिले।

केस- 2- चार साल से फंसे हैं 50 हजार रुपए

ग्वालियर नगर निगम के अफसर मनीष कनौजिया ने अनूप कुशवाह के मकान को अवैध बता तोडऩे का नोटिस दिया। 3 लाख घूस मांगी, 2 लाख में सौदा हुआ। 50 हजार रुपए घूस देते लोकायुक्त ने पकड़ा। 4 साल में केस नहीं खत्म हुआ, अनूप रुपए की वापसी का इंतजार कर रहा है।

फैक्ट फाइल

300 केस इस साल अब तक लोकायुक्त में दर्ज।

130 केसों में भ्रष्टाचारी रंगे हाथ पकड़े।

60 मामले, इस साल सबसे ज्यादा डेढ़ माह में ही पकड़े।

75 लाख रुपए इस साल घूसखोरी में लोगों के अटके।

क्या है रिवॉल्विंग फंड, कैसे होगा काम

यदि कोई अफसर रिश्वत में मांगता है तो शिकायतकर्ता को भरोसा दिया जाता है कि जो रकम वह घूस में देगा, वह लौटा दी जाएगी। भ्रष्टों को पकड़ने के बाद रिवॉल्विंग फंड से शिकायतकर्ता को वह राशि लौटाई जाती है। जब केस का निराकरण होता है, तब घूस की रकम कोर्ट से रिलीज करा एजेंसियां फंड में रख लेती हैं।

राशि संभागों को आवंटित होगी

सूत्र बताते हैं, रिवॉल्विंग फंड की सरकार से अनुमति मिलते ही संभागवार इसे बांटा जाएगा। 50 लाख रुपए के फंड में से हर संभाग को करीब 5-5 लाख रुपए आवंटित किए जाएंगे। जिस संभाग क्षेत्र में भ्रष्टों पर कार्रवाई होगी, वहां उसी फंड से रुपए का इस्तेमाल होगा।


Published on:
20 Nov 2024 08:44 am
Also Read
View All

अगली खबर