Shriram- एमपी की राजधानी भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानि मैनिट में शनिवार को ‘तूर्यनाद-25’ कार्यक्रम आयोजित किया गया।
Shriram- एमपी की राजधानी भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानि मैनिट में शनिवार को ‘तूर्यनाद-25’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए मातृभाषा व राष्ट्रभाषा हिंदी का महत्व रेखांकित किया। सीएम मोहन यादव ने भविष्य में मैनिट में और बड़े कार्यक्रम करने और मुख्यमंत्री निवास पर राष्ट्रभाषा हिंदी पर संवाद करने का आमंत्रण दिया। यहां उन्होंने बड़ा दावा करते हुए बताया कि सूरीनाम देश का वास्तविक नाम दरअसल 'श्रीराम' था। उच्चारण की वजह से उसका नाम भी बदल गया।
सीएम मोहन यादव ने मैनिट में हिंदी का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि करीब एक हजार साल पुरानी यह भाषा कई उतार-चढ़ाव और चुनौतियां झेल चुकी है। हिंदी की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह आम आदमी से लेकर बड़े नेताओं तक ज़ुबान है। पाकिस्तान के लोग भी हिंदी में ही बात करते हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार ने स्थानीय भाषाओं में उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। दुनियाभर के बड़े देशों में बच्चे अपनी-अपनी मातृभाषा में पढ़कर डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बनते हैं। सीएम ने कहा कि जब रूस, चीन और जापान के बच्चे अपनी भाषा में डॉक्टर बन सकते हैं, तो भारत के बच्चे क्यों नहीं बन सकते? यही कारण है कि हमने हिंदी में मेडिकल शिक्षा उपलब्ध कराई।
सीएम मोहन यादव ने कार्यक्रम में दक्षिणी अमेरिकी देश सूरीनाम के संबंध में बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि असल में इस देश का नाम ‘श्रीराम’ था। वक्त के साथ उच्चारण बदलने से देश का नाम भी बदल गया।
सूरीनाम का असली नाम ‘श्रीराम’ होने के संबंध में सीएम मोहन यादव ने एक प्रसंग का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि उज्जैन में स्वयं सूरीनाम की राजदूत ने ही यह बात कही थी। वे यहां आयोजित कालिदास समारोह में आईं थीं। उनसे देश के सही नाम पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे देश का असल नाम श्रीराम है। समय के साथ उच्चारण बदल जाने से यह सूरीनाम हो गया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मैनिट में तूर्यनाद-25 कार्यक्रम के दौरान दिव्यांग विद्यार्थी श्रीराजा के साथ सेल्फी ली और उत्साहवर्धन किया।